![अपनी ही पार्टी में क्यों हो रहा ब्रिटेन के पहले भारतवंशी PM ऋषि सुनक का विरोध?](https://akm-img-a-in.tosshub.com/aajtak/images/story/202211/sunak_-sixteen_nine.jpg)
अपनी ही पार्टी में क्यों हो रहा ब्रिटेन के पहले भारतवंशी PM ऋषि सुनक का विरोध?
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ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक को उनकी ही पार्टी के कंजर्वेटिव सदस्यों ने बगावत की धमकी दी है. दरअसल, ऋषि सुनक की ब्रिटेन में 'मकान निर्माण योजना' का दर्जनों कंजर्वेटिव सदस्य विरोध कर रहे हैं. ये दूसरी बार है जब एक ही हफ्ते के अंदर सुनक सरकार की नीतियों का उनकी ही पार्टी के सदस्यों ने विरोध किया है.
ब्रिटेन के नए भारतवंशी प्रधानमंत्री ऋषि सुनक को अपनी ही पार्टी में विरोध का सामना करना पड़ रहा है. कंजर्वेटिव पार्टी के दर्जनों सदस्य सुनक की मकान निर्माण योजना का कड़ा विरोध कर रहे हैं. इस योजना के तहत ब्रिटिश सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर मकान निर्माण करना चाहती है. यही वजह है कि सुनक सरकार को इस अहम विधेयक को सदन में लाने से पहले ही टालना पड़ा है. इससे सुनक सरकार को ब्रिटेन के गंभीर आर्थिक संकटों से निपटने के लिए बनाई गई पॉलिसी को लागू करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है.
ब्लूमबर्ग के अनुसार, ब्रिटेन में 'मकान निर्माण योजना' का विरोध कर रहे कंजर्वेटिव सदस्यों ने मंगलवार देर रात ऋषि सुनक को प्रस्ताव पर वोट कराने के लिए दबाव बनाया. पार्टी के 47 सदस्यों ने एक संशोधन पर हस्ताक्षर कर सरकार को हराने की धमकी दी. कुछ सदस्य इस योजना के विरोध में हैं जबकि कुछ सदस्य इस योजना में बदलाव चाहते हैं. टोरी सदस्य चाहते हैं कि इस योजना को लेकर स्थानीय समुदायों से बात करनी चाहिए कि घरों का निर्माण कहां किया जाए.
पहले भी होता रहा है विरोध
'मकान निर्माण योजना' को लेकर लंबे समय से पार्टी में मतभेद रहा है. विरोध कर रहे कंजर्वेटिव सदस्य ग्रामीण ब्रिटेन में अपने संसदीय क्षेत्र के स्थानीय समुदायों द्वारा योजना को लेकर हो रहे विरोध से चिंतित हैं. पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन को भी इस योजना को लागू करने में अपनी ही पार्टी के सदस्यों से विरोध का सामना करना पड़ा था.
सुनक की ओर से बागी सदस्यों से मुकाबला करने की बजाय प्रस्ताव वापस लेना यह दर्शाता है कि कंजर्वेटिव पार्टी इस योजना के प्रस्ताव को पारित करने में असमर्थ है. जबकि यह योजना पार्टी के चुनावी घोषणापत्र की प्रमुख योजना में एक है.
दरअसल, ऋषि सुनक के पास सिर्फ 67 कामकाजी सदस्यों का बहुमत हासिल है. ऐसे में लेबर पार्टी और अन्य विपक्षी दलों ने इस टोरी दल का समर्थन किया तो सुनक को बड़ा झटका लग सकता है.
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