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अपनी बीमारी बताने के लिए मुझे फोर्स किया गया, अब दर्द सुनकर ताने देते हैं लोग, बोलीं समांथा
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इंडिया टुडे कॉनक्लेव 2024 में समांथा ने हसल कल्चर के बारे में भी बात की. साथ ही उन्होंने बताया कि अपनी ऑटो इम्यून बीमारी के बारे में बात करने के लिए उन्हें फोर्स किया गया था. वो खुद इस बारे में बात नहीं करना चाहती थीं. बाद में वो ट्रोल हुईं और उन्हें सिम्पेथी क्वीन बुलाया गया.
साउथ एक्ट्रेस समांथा रुथ प्रभु ने फिल्म 'पुष्पा' में अपने गाने ऊ अंटावा से देशभर में हलचल मचा दी थी. इसके बाद उन्हें मनोज बाजपेयी की सीरीज 'फैमिली मैन' के सीजन 2 में देखा गया. दोनों ही प्रोजेक्ट्स से समांथा को खूब तारीफें मिलीं. इंडिया टुडे कॉनक्लेव में शिरकत कर समांथा रुथ प्रभु ने अपने दोनों प्रोजेक्ट्स संग हेल्थ इश्यू सी जूझने को लेकर बात की.
डर की वजह से बढ़ी आगे
समांथा को फिल्म इंडस्ट्री का हिस्सा बने 14 साल हो गए हैं. करियर की शुरुआत उन्होंने बतौर आउटसाइडर की थी. इवेंट में उन्होंने कहा, '14 साल कभी-कभी बहुत लंबा वक्त लगता है. लेकिन जब आप जिस चीज से प्यार करते हैं, वो करें तो वक्त कब निकल जाता है पता ही नहीं चलता. वो लड़की मुझे याद भी नहीं है. मुझे लगता है कि बहुत लंबे वक्त तक मैं फिट इन करना चाहती थीं. मैं डरी हुई थी. फेल होने के डर ने मुझे बहुत वक्त तक आगे बढ़ाया. अगर वो डर नहीं होता तो शायद मैं इतना आगे निकल नहीं पाती.'
एक्ट्रेस के मुताबिक, उनके डर ने उन्हें आगे तो बढ़ाया लेकिन उनके शरीर को कमजोर भी किया. समांथा प्रभु ने कहा, 'कुछ वक्त पहले ही जब मैं बीमार हुई तब मुझे समझ आया कि डर मुझे मोटिवेट तो कर रहा था, लेकिन साथ ही मुझे बर्बाद भी कर रहा था. मेरी ऑटो इम्यून कंडीशन से लगभग दो सालों तक गुजरने के बाद मैंने सोचा कि चीजें अगर मुझे अलग तरह से मिलती तो मुझे नहीं चाहिए.'
5 घंटे सोती थीं समांथा
इंडिया टुडे कॉनक्लेव 2024 में समांथा ने हसल कल्चर के बारे में भी बात की. उन्होंने कहा, 'हसल कल्चर में हम बहुत घुसे हुए हैं. मैं बहुत हसल करती थी. मैं सिर्फ 5 घंटे सोती थी. हसल कल्चर में जो नहीं बताया जाता वो ये है कि अगर आप खुद को आराम दे रहे हैं तो उससे आपको ही फायदा होगा. जो मैं नहीं करती थी. मैं अपने शरीर और दिमाग को आराम नहीं दे रही थी. मैंने बैक टू बैक हिट फिल्में दी हैं. लेकिन वही वो वक्त भी था जब मैं सबसे ज्यादा दुखी थी. अपने करियर के हाई पर मैं इंपोस्टर सिंड्रोम से जूझ रही थी. मुझे डर लगता था कि मैं फेल न हो जाऊंगी. मैंने फिल्म के हिट होने पर हमेशा कहा कि फिल्म हिट डायरेक्टर, स्क्रिप्ट और स्टार्स की वजह से हुई. मैंने खुद को सफलता के लायक माना ही नहीं. लेकिन अब मैंने खुद को अपने जैसा होने की इजाजत दे दी है. अब मुझे लगता है कि मेरा वक्त आ गया है.'
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