अजनाला नरसंहार: अंग्रेजों ने सैनिकों की खोपड़ी में दाग थीं गोलियां, कई को कुएं में जिंदा दफना दिया था
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पंजाब के अजनाला में मिले 282 सैनिकों के कंकालों का डीएनए एनालिसिस और स्टेबल आइसोटोप एनालिसिस के बाद वैज्ञानिकों ने बताया कि ये कंकाल सैनिकों के थे. कहा कि ये स्वतंत्रता संग्राम के हमारे नायक हैं. यह अध्ययन प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में एक महत्वपूर्ण अध्याय जोड़ेगा.
2014 में पंजाब के अजनाला में एक पुराने कुएं से मिले 282 सैनिकों के कंकालों को लेकर हर दिन चौंकाने वाली जानकारी सामने आ रही है. अब लखनऊ के बीरबल साहनी इंस्टिट्यूट के डॉ. नीरज राय ने बताया कि अंग्रेजों ने बहुत बेरहमी से इन सैनिकों की हत्या की थी. उनकी खोपड़ी में गोलियां के निशान मिले हैं यानी उनके सिर में गोलियां दागकर उनकी जान ली गई थी.
टीम के प्रमुख शोधकर्ता और प्राचीन डीएनए के एक्सपर्ट डॉ. नीरज राय ने जांच में पाया कि गोली लगने के बाद इन्हें कुएं में ढकेल दिया गया. उन्होंने बताया कि नर संहार को छुपाने के लिए उन्होंने कुएं में मिट्टी भर दी. कई सैनिक ऐसे थे जो गोली लगने के बाद भी जीवित थे लेकिन उन्हें भी कुएं भी जीवित दफना दिया गया.
पुरबिया बटालियन के थे सैनिक
अजनाला में मिले नर कंकाल 1857 की पुरबिया बटालियन ( 26 नेटिव बंगाल इन्फेंट्री बटालियन) के सैनिकों के हैं, जिनका नरसंहार ब्रिटिश सरकार के इशारे पर किया गया था. अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह करने पर नरसंहार कर दिया गया था. यह दावा वैज्ञानिकों की उस टीम का जिन्होंने 5 साल तक इन नर कंकालों पर अध्ययन किया है. डीएनए एनालिसिस और स्टेबल आईसोटोप एनालिसिस के बाद वैज्ञानिकों की टीम ने ये दावे किए हैं.
यूपी-बिहार के थे शहीद सैनिक
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