अगस्त में जनता पस्त...एक के बाद एक लगे 5 झटके, अब तो चावल भी महंगा!
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महंगाई की बात करें तो रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि भारत में चीजों के दामों पर ग्लोबल फैक्टर्स का असर हो रहा है. दुनिया भर में महंगाई रिकॉर्ड स्तर पर है. भारत में महंगाई की ऊंची दरों का सामना करना पड़ रहा है. जून लगातार छठा ऐसा महीना रहा, जब खुदरा महंगाई रिजर्व बैंक के अपर लिमिट से ज्यादा रही.
देश की जनता को हाल-फिलहाल महंगाई (Inflation) के मोर्चे पर राहत मिलने की उम्मीद कम ही दिखाई दे रही है. रिजर्व बैंक (RBI) और केंद्र सरकार (Central Govt) लगातार महंगाई को काबू करने का प्रयास कर रहे हैं. लेकिन इसमें सफलता बेहद सीमित मिल पा रही है. आज एमपीसी की बैठक (RBI MPC Meet) के बाद रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास (RBI Governor Shaktikanta Das) ने खुद स्वीकार किया कि आने वाले समय में महंगाई की दर नरम पड़ने के बाद भी ऊंची बनी रहेगी. इस बीच यह सप्ताह महंगाई के मोर्चे पर और बुरा साबित हुआ है. इस सप्ताह के दौरान पहले ही सीएनजी (CNG), पीएनजी (PNG), दही (Curd), चावल (Rice) जैसी चीजों के दाम बढ़ चुके हैं. अब रेपो रेट बढ़ने (Repo Rate Hike) के बाद होम लोन (Home Loan) समेत अन्य लोन की ईएमआई (EMI) भी बढ़ने वाली है.
इतनी रहने वाली है आने वाले समय में महंगाई
महंगाई की बात करें तो रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि भारत में चीजों के दामों पर ग्लोबल फैक्टर्स का असर हो रहा है. दुनिया भर में महंगाई रिकॉर्ड स्तर पर है. भारत में महंगाई की ऊंची दरों का सामना करना पड़ रहा है. जून लगातार छठा ऐसा महीना रहा, जब खुदरा महंगाई रिजर्व बैंक के अपर लिमिट से ज्यादा रही. भू-राजनीतिक घटनाक्रमों में तेजी से आ रहे बदलाव के बीच ग्लोबल फूड प्राइसेज में नरमी, यूक्रेन से गेहूं के निर्यात की पुन: शुरुआत, घरेलू बाजार में खाने के तेल के दाम में नरमी और अच्छे मानसून के कारण खरीफ फसलों की बुवाई में तेजी से आने वाले समय में महंगाई के मोर्चे पर राहत मिल सकती है. हालांकि इसके बाद भी खुदरा महंगाई की दर ऊंची बनी रहने वाली है. रिजर्व बैंक के अनुसार, 2022-23 में महंगाई की दर रिजर्व बैंक के अपर लिमिट से ऊपर 6.7 फीसदी रहने का अनुमान है. सितंबर तिमाही में इसकी दर 7.1 फीसदी, दिसंबर तिमाही में 6.4 फीसदी और मार्च 23 तिमाही में 5.8 फीसदी रहने का अनुमान है.
अब समाप्त हुआ सस्ते कर्ज का दौर
रिजर्व बैंक की एमपीसी की बैठक के बाद गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताया कि अगस्त बैठक में रेपो रेट को 0.50 फीसदी बढ़ाने का निर्णय लिया गया है. पहली बार मई में रिजर्व बैंक ने रेपो रेट को 0.40 फीसदी बढ़ाकर 4.40 फीसदी किया था. इसके बाद जून की बैठक में रिजर्व बैंक ने रेपो रेट को 0.50 फीसदी बढ़ाया. अगस्त में फिर से रेपो रेट को 0.50 फीसदी बढ़ाया गया. इस तरह तीन बार में रेपो रेट को 1.40 फीसदी बढ़ाया जा चुका है. कोरोना महामारी के बाद रिजर्व बैंक (Reserve Bank Of India) ने अर्थव्यवस्था (Economy) को रफ्तार देने के लिए लगातार रेपो रेट को कम किया था. रेपो रेट कम होने लगा तो बैंकों ने भी ब्याज दरें कम की थी. इस तरह ब्याज दरें कई दशक के सबसे निचले स्तर पर आ गई थीं. करीब दो साल तक रेपो रेट 4 फीसदी पर स्थिर रहा और इस कारण दो साल तक लोगों को सस्ते में कर्ज मिलता रहा. हालांकि महंगाई ने सस्ते कर्ज का दौर समाप्त कर दिया.
इतना बढ़ने वाला है ईएमआई का बोझ
Petrol-Diesel Prices Today: इंटरनेशनल मार्केट में कच्चे तेल के दाम एक बार फिर से बढ़ने लगे हैं, आज ब्रेंट क्रूड 71.21 डॉलर प्रति बैरल है, जबकि WTI क्रूड 67.06 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा है. वहीं, भारत की बात करें तो सरकारी तेल कंपनियों ने आज 18 नवंबर, 2024 को भी सभी महानगरों में पेट्रोल और डीजल की कीमतें स्थिर ही रखी हैं.