
US पत्रकार इवान गेर्शकोविच के खिलाफ रूस ने दर्ज किया जासूसी का केस, जानें क्या है पूरा मामला
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रूस में जासूसी के आरोप में गिरफ्तार अमेरिकी पत्रकार इवान गेर्शकोविच की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. दरअसल रूस ने शुक्रवार को आधारिक रूप से पत्रकार पर देश में जासूसी के आरोप में कार्रवाई शुरू कर दी है. हालांकि अमेरिका, वॉल स्ट्रीट जर्नल के अलावा खुद पत्रकार भी इन आरोपों का खंडन कर रहे हैं. उन्होंने इसके खिलाफ कोर्ट में याचिका भी दाखिल की है.
रूस में गिरफ्तार अमेरिकी पत्रकार इवान गेर्शकोविच पर शुक्रवार को आधिकारिक रूप से जासूसी के चार्ज लगाए गए. हालांकि वॉल स्ट्रीट जर्नल के पत्रकार लगातार जासूसी के आरोपों से इनकार करते रहे. रूस की सरकारी संवाद एजेंसी तास ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. तास ने सूत्र के हवाले से बताया कि अमेरिकी पत्रकार ने आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि वह रूस में पत्रकारिता गतिविधियों में शामिल थे.
इवान गेर्शकोविच 1986 में शीत युद्ध की समाप्ति के बाद से जासूसी के आरोप में रूस में हिरासत में लिए गए पहले अमेरिकी पत्रकार हैं. रूसी अधिकारियों ने 30 मार्च को अमेरिकी पत्रकार को हिरासत में लिया था. उन पर रूसी हथियार कारखाने के बारे में गोपनीय जानकारी जुटाने के प्रयास का आरोप लगाया था जबकि वाल स्ट्रीट जर्नल ने आरोपों से इनकार किया है.
वहीं अमेरिका पत्रकार की गिरफ्तारी के बाद अपने नागरिकों को रूस छोड़ने का आदेश जारी कर चुका है. इसके अलावा जो लोग रूस जाने की तैयारी कर रहे हैं, उन्हें भी ट्रिप कैंसल करने के लिए कहा गया है. अमेरिका ने दो टूक कहा है कि वो रूस में मीडिया पर लगाए जा रहे प्रतिबंधों से नाराज है और उसकी आजादी के लिए लगातार लड़ता रहेगा.
पत्रकार की गिरफ्तारी पर रूस का यह है रुख
रूसी सुरक्षा एजेंसी एफएसबी का कहना है कि अमेरिकी नागरिक गेर्शकोविच इवान को अवैध गतिविधियों के कारण गिरफ्तार किया गया है. गेर्शकोविच पर जासूसी करने का संदेह है. इस मामले को लेकर क्रेमलिन ने कहा कि इवान गेर्शकोविच पत्रकारिता की आड़ में जासूसी कर रहे थे. विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने अमेरिका को बताया कि इवान गेर्शकोविच को गोपनीय जानकारी हासिल करने की कोशिश करते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया था.
गिरफ्तारी के खिलाफ दायर की है याचिका

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