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'कोई चुनाव में धांधली कर भले जीत जाए, लेकिन...', बोले बांग्लादेश के मुख्य चुनाव आयुक्त नासिर उद्दीन
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बांग्लादेश के मुख्य चुनाव आयुक्त नासिर उद्दीन ने इशारों-इशारों में कहा कि कोई भी चुनाव में धांधली कर भले ही जीत जाए, लेकिन इतिहास बताता है कि ऐसी जीत ज्यादा समय तक टिकती नहीं है. यह टिप्पणी उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के संदर्भ में की, जो लगातार चार बार चुनाव जीतने के बाद अगस्त 2024 में जनविरोध प्रदर्शनों के चलते सत्ता से बेदखल हो गई थीं.
बांग्लादेश के मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) एएमएम नासिर उद्दीन ने कहा कि चुनाव आयोग का एकमात्र एजेंडा देश में स्वतंत्र, निष्पक्ष, पारदर्शी और विश्वसनीय चुनाव कराना है. सरकारी समाचार एजेंसी बीएसएस के अनुसार नासिर उद्दीन ने कहा कि हमारा केवल एक एजेंडा है- 18 करोड़ बांग्लादेशियों की आकांक्षाओं के अनुरूप निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव कराना. इसके अलावा हमारा कोई अन्य एजेंडा नहीं है.
मुख्य चुनाव आयुक्त ने यह बात सातवें राष्ट्रीय मतदाता दिवस के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में कही. उन्होंने कहा कि मतदान जनता का अधिकार है, जिसे हमने कड़े संघर्ष के बाद हासिल किया है. अब हम इस अधिकार को मजबूत करने और एक सुंदर और स्वीकृत चुनाव कराने की कोशिश कर रहे हैं. नासिर उद्दीन ने मतदाताओं से अपील करते हुए कहा कि इस बार मतदान को अपना कर्तव्य समझें और स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने में अपनी भूमिका निभाएं.
राजनीतिक दलों में सहमति जरूरी नासिर उद्दीन ने कहा कि राजनीतिक दलों के बीच विभिन्न राय और मतभेद लोकतंत्र की सुंदरता है, लेकिन चुनाव की प्रक्रिया को सफल बनाने के लिए राजनीतिक दलों के बीच सहमति बेहद जरूरी है. नासिर उद्दीन ने इशारों-इशारों में कहा कि कोई भी चुनाव में धांधली कर भले ही जीत जाए, लेकिन इतिहास बताता है कि ऐसी जीत ज्यादा समय तक टिकती नहीं है. यह टिप्पणी उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के संदर्भ में की, जो लगातार चार बार चुनाव जीतने के बाद अगस्त 2024 में जनविरोध प्रदर्शनों के चलते सत्ता से बेदखल हो गई थीं. हसीना की विदाई के बाद मोहम्मद यूनुस की अगुआई में एक अंतरिम सरकार बनाई गई थी.
राष्ट्रीय सहमति आयोग को जिम्मेदारी देने का सुझाव
मुख्य चुनाव आयुक्त ने सुझाव दिया कि राष्ट्रीय सहमति आयोग (National Consensus Commission) सभी राजनीतिक दलों से यह लिखित प्रतिज्ञा ले सकता है कि वे चुनाव आचार संहिता का पालन करेंगे और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने में पूरा सहयोग देंगे. नासिर उद्दीन ने कहा कि शायद मैं ज्यादा बोल रहा हूं, लेकिन मैं यह कहना चाहता हूं कि राष्ट्रीय सहमति आयोग एक नया एजेंडा ला सकता है, जिसमें सभी राजनीतिक दलों से लिखित में यह वचन लिया जाए कि वे चुनाव आचार संहिता का पालन करेंगे और निष्पक्ष चुनाव में सहयोग करेंगे.
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जखारोवा ने कहा कि जेलेंस्की 'युद्ध को लंबा खींचने की सनक से ग्रस्त' हैं और मॉस्को के लक्ष्य अब भी 'यूक्रेन का विसैन्यीकरण (demilitarization) और रूस द्वारा कब्जा किए गए सभी क्षेत्रों का आधिकारिक अधिग्रहण' बने हुए हैं. उन्होंने यह भी दावा किया कि, 'वॉशिंगटन में जेलेंस्की के असभ्य और अशोभनीय व्यवहार ने यह साबित कर दिया कि वह वैश्विक समुदाय के लिए सबसे बड़ा खतरा हैं, क्योंकि वह एक बड़ी जंग के गैर-जिम्मेदार उकसाने वाले हैं.'
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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की के बीच व्हाइट हाउस में हुई मुलाकात तीखी बहस में बदल गई. ट्रंप ने जेलेंस्की को फटकार लगाई और कहा कि यूक्रेन के पास कोई विकल्प नहीं है. जेलेंस्की ने रूस के साथ समझौते से इनकार किया, जिससे ट्रंप नाराज हो गए. इस घटना से अमेरिका-यूक्रेन संबंधों पर असर पड़ने की आशंका है. देखें Video.
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व्हाइट हाउस के एक अधिकारी ने बताया कि तीखी बहस के बाद ज़ेलेंस्की और ट्रंप अलग-अलग कमरे में चले गए. उसके बाद ट्रंप ने यूक्रेन के लोगों को वहां से जाने के लिए कह दिया. यूक्रेनी प्रतिनिधिमंडल ने इसका विरोध किया और कहा कि वे बातचीत जारी रखना चाहते हैं, लेकिन उन्हें मना कर दिया गया. तयशुदा संयुक्त प्रेस वार्ता भी रद्द कर दी गई. ज़ेलेंस्की अमेरिका से खनिज संपदा समझौते पर हस्ताक्षर किए बिना अपनी ब्लैक एसयूवी से चले गए. इस तरह जेलेंस्की काफी कुछ गंवाकर अमेरिका से रवाना हो गए.
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यूक्रेन के राष्ट्रपति ने उन सभी वैश्विक नेताओं के पोस्ट को रीपोस्ट करते हुए Thank you लिखा जिन्होंने यूक्रेन के समर्थन में आवाज उठाई. बता दें कि शुक्रवार को वॉशिंगटन डीसी में हुई इस तनावपूर्ण बैठक की शुरुआत तो ट्रंप के इस बयान से हुई थी कि वह रूस-यूक्रेन युद्ध में शांतिदूत के रूप में याद किया जाना चाहते हैं, लेकिन जल्द ही यह बैठक ज़ेलेंस्की और ट्रंप के बीच तीखी बहस में बदल गई.
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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के बीच तीखी बहस हुई. ट्रंप ने जेलेंस्की को बेवकूफ कहा और कहा कि अमेरिका ने यूक्रेन को $350 बिलियन की सहायता दी है. ट्रंप ने कहा कि अमेरिकी सैन्य उपकरणों के बिना यूक्रेन हार जाता. जेलेंस्की ने इसका विरोध किया और कहा कि वे अपने देश की रक्षा कर रहे हैं. देखें Video.