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यूरोप खोज रहा नया नेता, कनाडा-मेक्सिको जैसे पड़ोसी भी नाराज... क्या ट्रंप की नीतियां नया वर्ल्ड ऑर्डर बनाएंगी?
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ट्रंप के बारे में ये जान लेना जरूरी है कि वह कारोबारी पहले हैं और राष्ट्रपति बाद में. America First और Make America Great Again की पॉलिसी लेकर दूसरी बार अमेरिकी सत्ता पर काबिज हुए ट्रंप का मुख्य एजेंडा ट्रेड और टैरिफ है. ट्रंप यूरोप से खफा है क्योंकि उनका मानना है कि यूरोप को अमेरिका से फायदा हो रहा है लेकिन अमेरिका को यूरोप से कोई खास लाभ नहीं मिल रहा.
युद्ध दुनिया के किसी भी कोने में हो. नियम सार्वभौमिक है कि एक होता है हमलावर तो दूसरा पीड़ित. अब रूस और यूक्रेन के युद्ध में हमलावर कौन है और पीड़ित कौन? यह समझाने की कतई जरूरत नहीं है. अपने मुल्क के अस्तित्व की जंग लड़ रहे यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मिलने व्हाइट हाउस पहुंचे. तो उस दौरान जो कुछ हुआ, उसे पूरी दुनिया ने देखा और समझा. शांतिदूत होने का दावा कर सत्ता में आए ट्रंप जिस तरीके से युद्ध सुलझाने की कोशिश कर रहे हैं, उससे एक नया वर्ल्ड ऑर्डर जाने-अनजाने में तैयार हो रहा है. एक तरफ खड़े हैं- अमेरिका, रूस, बेलारूस, ईरान और उत्तर कोरिया तो दूसरी तरफ यूक्रेन के साथ कमोबेश पूरा यूरोप.
द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद पहली बार ऐसा हो रहा है, जब लगभग 75 साल पुराना वर्ल्ड ऑर्डर बदलता दिख रहा है. दूसरे विश्वयुद्ध की त्रासदी के बाद संयुक्त राष्ट्र अस्तित्व में आया और अमेरिका वैश्विक व्यवस्था का सिपहसालार बन गया. लेकिन ट्रंप वर्ल्ड ऑर्डर को बदलना क्यों चाहते हैं? ब्रिटेन की सीक्रेट इंटेलिजेंस सर्विस MI6 के पूर्व प्रमुख एलेक्स यंगर इसकी वजह बताते हुए कहते हैं कि हम ऐसे मोड़ पर पहुंच गए हैं जहां अंतरराष्ट्रीय संबंध नियमों से नहीं आंके जाएंगे. दुनिया अब डिप्लोमेसी और विदेश नीति के नए युग में प्रवेश कर रही है. अब ताकतवर मुल्क और उनके हिसाब से बनाई गई रणनीतियों का बोलबाला है. डोनाल्ड ट्रंप यही सोचते हैं, व्लादिमीर पुतिन भी और शी जिनपिंग भी.
ट्रंप को यूरोप से दिक्कत क्या है?
ट्रंप के बारे में ये जान लेना जरूरी है कि वह कारोबारी पहले हैं और राष्ट्रपति बाद में. America First और Make America Great Again की पॉलिसी लेकर दूसरी बार अमेरिकी सत्ता पर काबिज हुए ट्रंप का मुख्य एजेंडा ट्रेड और टैरिफ है. ट्रंप यूरोप से खफा है क्योंकि उनका मानना है कि यूरोप को अमेरिका से फायदा हो रहा है लेकिन अमेरिका को यूरोप से कोई खास लाभ नहीं मिल रहा.
ट्रंप कई बार सार्वजनिक तौर पर कह चुके हैं कि युद्ध के नाम पर यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की ने अमेरिका से 350 अरब डॉलर हड़प लिए हैं लेकिन यूरोप ने सामूहिक तौर पर भी अब तक 100 अरब डॉलर ही यूक्रेन की जेब में डाले हैं. ट्रंप का कहना है कि यूरोप कारोबार के मामले में Disaster है. वह अमेरिका के कृषि उत्पादों को उचित दामों पर खरीद नहीं रहा है. लेकिन 2023 की एक रिपोर्ट पर नजर डालें तो पता चलेगा कि इस साल यूरोपीय संघ (ईयू) ने अमेरिका से 12.3 अरब डॉलर के कृषि उत्पाद खरीदे हैं. लेकिन इसके बावजूद ट्रंप ने EU पर 25 फीसदी टैरिफ लगाने का मन बना लिया है.
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अमेरिका के न्यू जर्सी में एक फेडेक्स कार्गो विमान के इंजन में पक्षी टकराने से आग लग गई. विमान की इमरजेंसी लैंडिंग कराई गई. घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. वीडियो में उड़ान के दौरान विमान के इंजन से निकलती आग की लपटें साफ दिखाई दे रही हैं. हालांकि, इस हादसे में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है. देखें...
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जखारोवा ने कहा कि जेलेंस्की 'युद्ध को लंबा खींचने की सनक से ग्रस्त' हैं और मॉस्को के लक्ष्य अब भी 'यूक्रेन का विसैन्यीकरण (demilitarization) और रूस द्वारा कब्जा किए गए सभी क्षेत्रों का आधिकारिक अधिग्रहण' बने हुए हैं. उन्होंने यह भी दावा किया कि, 'वॉशिंगटन में जेलेंस्की के असभ्य और अशोभनीय व्यवहार ने यह साबित कर दिया कि वह वैश्विक समुदाय के लिए सबसे बड़ा खतरा हैं, क्योंकि वह एक बड़ी जंग के गैर-जिम्मेदार उकसाने वाले हैं.'
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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की के बीच व्हाइट हाउस में हुई मुलाकात तीखी बहस में बदल गई. ट्रंप ने जेलेंस्की को फटकार लगाई और कहा कि यूक्रेन के पास कोई विकल्प नहीं है. जेलेंस्की ने रूस के साथ समझौते से इनकार किया, जिससे ट्रंप नाराज हो गए. इस घटना से अमेरिका-यूक्रेन संबंधों पर असर पड़ने की आशंका है. देखें Video.
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व्हाइट हाउस के एक अधिकारी ने बताया कि तीखी बहस के बाद ज़ेलेंस्की और ट्रंप अलग-अलग कमरे में चले गए. उसके बाद ट्रंप ने यूक्रेन के लोगों को वहां से जाने के लिए कह दिया. यूक्रेनी प्रतिनिधिमंडल ने इसका विरोध किया और कहा कि वे बातचीत जारी रखना चाहते हैं, लेकिन उन्हें मना कर दिया गया. तयशुदा संयुक्त प्रेस वार्ता भी रद्द कर दी गई. ज़ेलेंस्की अमेरिका से खनिज संपदा समझौते पर हस्ताक्षर किए बिना अपनी ब्लैक एसयूवी से चले गए. इस तरह जेलेंस्की काफी कुछ गंवाकर अमेरिका से रवाना हो गए.
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यूक्रेन के राष्ट्रपति ने उन सभी वैश्विक नेताओं के पोस्ट को रीपोस्ट करते हुए Thank you लिखा जिन्होंने यूक्रेन के समर्थन में आवाज उठाई. बता दें कि शुक्रवार को वॉशिंगटन डीसी में हुई इस तनावपूर्ण बैठक की शुरुआत तो ट्रंप के इस बयान से हुई थी कि वह रूस-यूक्रेन युद्ध में शांतिदूत के रूप में याद किया जाना चाहते हैं, लेकिन जल्द ही यह बैठक ज़ेलेंस्की और ट्रंप के बीच तीखी बहस में बदल गई.
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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के बीच तीखी बहस हुई. ट्रंप ने जेलेंस्की को बेवकूफ कहा और कहा कि अमेरिका ने यूक्रेन को $350 बिलियन की सहायता दी है. ट्रंप ने कहा कि अमेरिकी सैन्य उपकरणों के बिना यूक्रेन हार जाता. जेलेंस्की ने इसका विरोध किया और कहा कि वे अपने देश की रक्षा कर रहे हैं. देखें Video.