
रमजान के मौके पर गाजा में गम का माहौल, इजरायल ने उठाया ये बड़ा कदम, हमास बोला- ये ब्लैकमेलिंग है!
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Israel and Hamas War: इजरायल ने रमजान के दौरान रविवार को गाजा में सामानों की आपूर्ति पर रोक दी है. प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की ओर से एक बयान जारी कर इस संबंध में जानकारी दी गई है. नेतन्याहू ने कहा कि हमास ने विटकॉफ के प्रस्ताव के तहत एक अस्थायी विस्तार को स्वीकार करने से इनकार कर दिया है.
इजरायल ने रमजान के दौरान रविवार को गाजा में सामानों की आपूर्ति पर रोक दी है. प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की ओर से एक बयान जारी कर इस संबंध में जानकारी दी गई है. इस बयान में कहा गया है, "बंधक समझौते के पहले चरण की समाप्ति और वार्ता जारी रखने के लिए विटकॉफ प्रस्ताव (जिस पर इजरायल सहमत था) को स्वीकार करने से हमास के इनकार के बाद पीएम ने फैसला किया कि रविवार सुबह से गाजा में सभी सामानों की आपूर्ति बंद हो जाएगी.''
शनिवार को सीजफायर का पहला चरण समाप्त हो गया. प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि हमास ने अब तक डोनाल्ड ट्रंप के दूत स्टीव विटकॉफ के प्रस्ताव के तहत एक अस्थायी विस्तार को स्वीकार करने से इनकार कर दिया है. हमास के प्रवक्ता ने कहा कि गाजा में सामानों की आपूर्ति को रोकना ब्लैकमेल करना और सीजफायर के समझौते के शर्तों का उल्लंघन है. हमास ने इस मसले पर मध्यस्थ देशों के प्रतिनिधियों से हस्तक्षेप करने का आग्रह किया है.
हमास चाहता है कि समझौते का दूसरा चरण मूल रूप से बातचीत के अनुसार आगे बढ़े, जिसमें बंधकों और फिलिस्तीनी कैदियों की रिहाई और गाजा से इजरायली सेना की वापसी शामिल है. हमास के प्रवक्ता ने कहा, "गाजा में जाने वाली सहायता को रोकने का नेतन्याहू का निर्णय एक बार फिर इजरायली कब्जे का बदसूरत चेहरा दिखाता है. अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को हमारे लोगों को भूखा मारना बंद करने के लिए इजरायली सरकार और नेतन्याहू पर दबाव डालना चाहिए."
गाजा में तीन चरणों का युद्ध विराम 19 जनवरी से शुरू हुआ था. जो 1 मार्च को खत्म हो गया. इस दौरान कुल 33 बंधकों की रिहाई हुई. इसके बदले में 2 हजार से ज्यादा फिलिस्तीनी कैदियों को इजरायल ने रिहा किया है. अब हमास और इजरायल के बीच सीजफायर के दूसरे चरण को लेकर बातचीत शुरू होनी है. हालांकि अभी ये साफ नहीं है कि ये बातचीत कब और कहां होगी. गाजा में रमजान के मौके पर भी गम और अनिश्चितता का माहौल है. जंग की चिंता बनी हुई है.
बताते चलें कि पिछले सप्ताह तेल अवीव में सरकार विरोधी प्रदर्शन हुए थे. पोस्टर बैनर के साथ सड़कों पर उतरे हजारों प्रदर्शनकारियों ने युद्धविराम समझौते को पूरी तरह से पालन करने और बाकी बंधकों की तुरंत रिहाई की मांग की थी. दरअसल गाजा में तीन चरणों में युद्धविराम का समझौता हुआ था. पहले चरण में 33 बंधकों की रिहाई हुई. प्रदर्शनकारी चाहते हैं सभी बंधकों को तुरंत छोड़ा जाए. उनके परिजनों को डर हैं कि समझौते के उल्लंघन से बंधक मारे जा सकते हैं.
प्रदर्शनकारियों ने कुछ बंधकों की मौत के लिए प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को जिम्मेदार ठहराते हुए उनका इस्तीफा मांगा. उनका दावा था कि पीएम नेतन्याहू बंधकों की रक्षा करने में असफल रहे हैं. ऐसे में उन्हे पद छोड़ देना चाहिए. पिछले साल 7 अक्टूबर को हमास ने इजरायल पर हमला कर 250 से ज्यादा लोगों को बंधक बना लिया था. इसके बाद इजरायल के हमले में हजारों की संख्या में गाजा में लोग मारे गए हैं. लाखों लोगों को विस्थापित होना पड़ा है.
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अमेरिका के न्यू जर्सी में एक फेडेक्स कार्गो विमान के इंजन में पक्षी टकराने से आग लग गई. विमान की इमरजेंसी लैंडिंग कराई गई. घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. वीडियो में उड़ान के दौरान विमान के इंजन से निकलती आग की लपटें साफ दिखाई दे रही हैं. हालांकि, इस हादसे में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है. देखें...
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जखारोवा ने कहा कि जेलेंस्की 'युद्ध को लंबा खींचने की सनक से ग्रस्त' हैं और मॉस्को के लक्ष्य अब भी 'यूक्रेन का विसैन्यीकरण (demilitarization) और रूस द्वारा कब्जा किए गए सभी क्षेत्रों का आधिकारिक अधिग्रहण' बने हुए हैं. उन्होंने यह भी दावा किया कि, 'वॉशिंगटन में जेलेंस्की के असभ्य और अशोभनीय व्यवहार ने यह साबित कर दिया कि वह वैश्विक समुदाय के लिए सबसे बड़ा खतरा हैं, क्योंकि वह एक बड़ी जंग के गैर-जिम्मेदार उकसाने वाले हैं.'
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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की के बीच व्हाइट हाउस में हुई मुलाकात तीखी बहस में बदल गई. ट्रंप ने जेलेंस्की को फटकार लगाई और कहा कि यूक्रेन के पास कोई विकल्प नहीं है. जेलेंस्की ने रूस के साथ समझौते से इनकार किया, जिससे ट्रंप नाराज हो गए. इस घटना से अमेरिका-यूक्रेन संबंधों पर असर पड़ने की आशंका है. देखें Video.
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व्हाइट हाउस के एक अधिकारी ने बताया कि तीखी बहस के बाद ज़ेलेंस्की और ट्रंप अलग-अलग कमरे में चले गए. उसके बाद ट्रंप ने यूक्रेन के लोगों को वहां से जाने के लिए कह दिया. यूक्रेनी प्रतिनिधिमंडल ने इसका विरोध किया और कहा कि वे बातचीत जारी रखना चाहते हैं, लेकिन उन्हें मना कर दिया गया. तयशुदा संयुक्त प्रेस वार्ता भी रद्द कर दी गई. ज़ेलेंस्की अमेरिका से खनिज संपदा समझौते पर हस्ताक्षर किए बिना अपनी ब्लैक एसयूवी से चले गए. इस तरह जेलेंस्की काफी कुछ गंवाकर अमेरिका से रवाना हो गए.
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यूक्रेन के राष्ट्रपति ने उन सभी वैश्विक नेताओं के पोस्ट को रीपोस्ट करते हुए Thank you लिखा जिन्होंने यूक्रेन के समर्थन में आवाज उठाई. बता दें कि शुक्रवार को वॉशिंगटन डीसी में हुई इस तनावपूर्ण बैठक की शुरुआत तो ट्रंप के इस बयान से हुई थी कि वह रूस-यूक्रेन युद्ध में शांतिदूत के रूप में याद किया जाना चाहते हैं, लेकिन जल्द ही यह बैठक ज़ेलेंस्की और ट्रंप के बीच तीखी बहस में बदल गई.
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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के बीच तीखी बहस हुई. ट्रंप ने जेलेंस्की को बेवकूफ कहा और कहा कि अमेरिका ने यूक्रेन को $350 बिलियन की सहायता दी है. ट्रंप ने कहा कि अमेरिकी सैन्य उपकरणों के बिना यूक्रेन हार जाता. जेलेंस्की ने इसका विरोध किया और कहा कि वे अपने देश की रक्षा कर रहे हैं. देखें Video.