US: न्यूयॉर्क से गायब हुई 25 वर्षीय भारतीय महिला, पुलिस ने तस्वीर जारी कर जनता से मांगी मदद
AajTak
अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर से एक भारतीय महिला के गायब होने की जानकारी मिली है. पुलिस ने गायब महिला का पता लगाने के लिए उसकी तस्वीर जारी करते हुए जनता से मदद मांगी है.
अमेरिका (USA) के न्यूयॉर्क शहर से एक 25 वर्षीय भारतीय महिला लापता होने की खबर है. पुलिस उसका पता लगाने में मदद के लिए जनता से जानकारी मांग रही है. एजेंसी के मुताबिक लापता हुई महिला का नाम फेरिन खोजा (Ferin Khoja) है, जिनको आखिरी बार 1 मार्च को रात करीब 11 बजे क्वींस स्थित अपने घर से निकलते देखा गया था.
न्यूयॉर्क सिटी पुलिस विभाग द्वारा जारी की गई जानकारी के मुताबिक उन्हें आखिरी बार ऑलिव ग्रीन जैकेट, हरा स्वेटर और नीली जींस पहने देखा गया था. पुलिस ने यह भी बताया है कि गायब हुई महिला बाइपोलर डिसऑर्डर से पीड़ित हैं. पुलिस विभाग ने फेरिन खोजा की तस्वीर भी जारी की है और कहा कि 112 प्रीसिंक्ट डिटेक्टिव स्क्वाड उनका पता लगाने की कोशिश कर रहा है.
यह भी पढ़ें: न्यूयॉर्क में गुरुद्वारे पहुंचे भारतीय राजदूत, खालिस्तानी समर्थकों ने की धक्का-मुक्की, देखें
न्यूयॉर्क में भारत के महावाणिज्य दूतावास (Consulate General of India) को मामले के बारे में बताया गया है. दूतावास के द्वारा फेरिन खोजा और उनके ठिकाने के बारे में जानकारी हासिल करने में मदद की जा रही है.
पिछले दिनों छात्र हुआ था लापता अमेरिका में भारतीय महिला के गायब होने से पहले इंडियाना की पर्ड्यू विश्वविद्यालय (Purdue University) के जॉन मार्टिंसन ऑनर्स कॉलेज में कंप्यूटर साइंस के छात्र नील आचार्य के बारे में 28 जनवरी को लापता होने की सूचना मिली थी. गायब होने के दो दिनों बाद, अधिकारियों द्वारा उसके मौत की पुष्टि की गई थी.
थाईलैंड में समलैंगिक विवाह कानून लागू हो गया है जिसके बाद वहां के समलैंगिक कपल्स को शादी करने का कानूनी अधिकार मिल गया है. थाईलैंड की तरह दुनिया के कई देशों में समलैंगिकों को शादी करने का हक मिला हुआ है लेकिन दुनिया में कुछ देश ऐसे भी हैं जहां समलैंगिकता पर रोक है और इसके लिए मौत की सजा तक दी जा सकती है.
डोनाल्ड ट्रंप ने राष्ट्रपति बनते ही बाइडन कार्यकाल के रिफ्यूजी प्रोग्राम को निरस्त कर दिया है. इस प्रोग्राम के तहत पाकिस्तान में फंसे हुए अफगानी शरणार्थियों को अमेरिका में सेटल करवाना था. बाइडन प्रशासन ने पाकिस्तान से कहा था कि कुछ ही समय में अमेरिका सारे शरणार्थियों को शरण दे देगा लेकिन उनकी सत्ता रहते हुए ऐसा नहीं हो पाया.
डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि अगर ब्रिक्स देश अपनी करेंसी लाते हैं तो उनके लिए अमेरिका से व्यापार करना काफी मुश्किल हो जाएगा क्योंकि वो इन देशों पर 100 प्रतिशत का टैरिफ लगा देंगे. ट्रंप की इस धमकी पर अर्थशास्त्रियों ने प्रतिक्रिया दी है. अर्थशास्त्री रघुराम राजन का कहना है कि ट्रंप प्रतिक्रिया देने में जल्दबाजी कर रहे हैं.
चीन ने बांग्लादेश को लोन चुकाने के लिए बड़ी राहत दी है. चीन की शी जिनपिंग सरकार ने बांग्लादेश को दिए कर्ज को चुकाने की अवधि को 20 साल से बढ़ाकर 30 साल कर दिया है. चीन दौरे पर पहुंचे बांग्लादेश के विदेश मंत्री तौहीद हुसैन ने चीनी विदेश मंत्री से मुलाकात के दौरान यह अनुरोध किया था, जिसे चीन ने स्वीकार कर लिया है.
अपनी चुनावी घोषणा के अनुरूप ही राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सख्त प्रवासन नीतियों पर अमल शुरू कर दिया है. इस सख्ती के दायरे में वैसे 20 हजार भारतीय हैं जिसके बारे में अमेरिका कहता है कि इनके पास अमेरिका में रहने के वैध कागज नहीं हैं और इन्हें वापस भेजा जाएगा. अमेरिका ने ऐसे 20 हजार भारतीयों को डिपोर्टेशन लिस्ट में डाल दिया है.
डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि वो एच-1बी वीजा के दोनों पक्षों को पसंद करते हैं. उनका कहना है कि अमेरिका में वैसे लोग ही आने चाहिए जो बेहद कुशल हैं. लेकिन, वीजा और प्रवासियों पर सख्ती दिखा रहे ट्रंप ने एफबीआई डायरेक्टर के लिए जिस काश पटेल को नियुक्त किया है, वो खुद एक प्रवासी माता-पिता से जन्मे अमेरिकी हैं.
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के भारत आने के बाद से ही बांग्लादेश की अंतरिम सरकार उनके प्रत्यर्पण के लिए हर मुमकिन कोशिश कर रही है. अब बांग्लादेश ने गीदड़भभकी देते हुए कहा है कि अगर भारत पूर्व पीएम शेख हसीना को वापस नहीं भेजता है तो वह इस मामले को अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामने उठाएगा और उनसे हस्तक्षेप की मांग करेगा.