
बंधक संकट के बीच बलूचिस्तान पहुंचे पीएम शहबाज शरीफ, BLA बोली- पाकिस्तानी सेना का झूठ बेनकाब
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पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ ने गुरुवार को बलूचिस्तान के दौरे पर पहुंचे हैं, जहां उन्होंने कानून-व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा की. पाकिस्तानी सेना का दावा है कि उसने रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा कर लिया है तो दूसरी ओर बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) का कहना है कि ISPR द्वारा किए गए दावे झूठे हैं और पाक हार को छिपाने की नाकाम कोशिश कर रहा है.
पाकिस्तान के बलूचिस्तान में हाईजैक जाफर एक्सप्रेस ट्रेन को लेकर सस्पेंस बरकरार है. पाकिस्तानी सेना का दावा है कि उसने रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा कर लिया है तो दूसरी ओर बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) का कहना है कि ISPR द्वारा किए गए दावे झूठे हैं और पाक हार को छिपाने की नाकाम कोशिश कर रहा है. इसी बीच पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ ने गुरुवार को बलूचिस्तान के दौरे पर पहुंचे हैं, जहां उन्होंने कानून-व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा की.
शहबाज शरीफ के साथ उपप्रधानमंत्री इशाक डार, संघीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अताउल्लाह तरार, संघीय योजना एवं विकास मंत्री अहसान इकबाल, संघीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री नवाबजादा मीर खालिद मगसी और अन्य लोग भी बलूचिस्तान पहुंचे हैं.
'कई मोर्चों पर चल रही है लड़ाई'
पाक पीएम के बलूच दौर के बीच बलूच लिबरेशन आर्मी ने बयान जारी कर कहा, 'ISPR द्वारा किए गए दावे झूठे है और पाक हार को छिपाने की नाकाम कोशिश कर रहा है. जमीनी हकीकत ये है कि कई मोर्चों पर लड़ाई जारी है और दुश्मन को भारी नुकसान और सैन्य क्षति हो रही है. पाक की सेना न तो युद्ध के मैदान में जीत हासिल कर पाई है और न ही अपने बंधक कर्मियों को बचाने में कामयाब हो पाई है.'
BLA का दावा
बीएलए ने दावा किया कि पाकिस्तानी राज्य और उसके प्रचार तंत्र ने जिन व्यक्तियों को बरामद करने का दावा किया है, उन्हें सच में बलूच लिबरेशन आर्मी ने ही अपने युद्ध नैतिकता और अंतरराष्ट्रीय मानदंडों के तहत रिहा किया था. इसके विपरीत पाकिस्तानी सेना अपने कर्मियों को बंधक बनाकर छोड़ कर प्रचार के जरिए से अपनी हार को छुपाती रहती है.

पाकिस्तान द्वारा बलूचिस्तान पर जबरन कब्जे के बाद से बलूच लोग आंदोलन कर रहे हैं. पाकिस्तानी सेना ने पांच बड़े सैन्य अभियान चलाए, लेकिन बलूच लोगों का हौसला नहीं टूटा. बलूच नेता का कहना है कि यह दो देशों का मामला है, पाकिस्तान का आंतरिक मुद्दा नहीं. महिलाओं और युवाओं पर पाकिस्तानी सेना के अत्याचार से आजादी की मांग तेज हुई है. देखें.