Uddhav Thackeray के ताजा संबोधन में बाल ठाकरे की तस्वीर दिखने पर क्यों उठे सवाल?
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बगावत कई पार्टियों में हो चुकी है. देश में अब तक ऐसे तीन किस्से मिलते हैं, जब बगावत के बाद उस पार्टी पर बागी गुट ने ही कब्जा जमा लिया. बगावत तो शिवसेना में पहले भी हुई है. 1990 में 18 विधायक के साथ शिवसेना से छगन भुजबल बाहर निकले थे. पार्टी नहीं टूटी थी. 2005 में दावा होता है कि 40 विधायकों के साथ अलग होकर नारायण राणे की शिवसेना को बांट देने की कोशिश कामयाब नहीं हुई थी. अब 2022 में तीसरे पुराने शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे अलग हुए हैं, जिनके साथ शिवसेना के ज्यादातर विधायक हैं. जो खुद को असली शिवसेना, बाल ठाकरे की शिवसेना कहते हैं. अब क्या होगा शिवसेना का? देखें ये रिपोर्ट.
मणिपुर हिंसा को लेकर देश के पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम खुद अपनी पार्टी में ही घिर गए हैं. उन्होंने मणिपुर हिंसा को लेकर एक ट्वीट किया था. स्थानीय कांग्रेस इकाई के विरोध के चलते उन्हें ट्वीट भी डिलीट करना पड़ा. आइये देखते हैं कि कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व क्या मणिपुर की हालिया परिस्थितियों को समझ नहीं पा रहा है?
महाराष्ट्र में तमाम सियासत के बीच जनता ने अपना फैसला ईवीएम मशीन में कैद कर दिया है. कौन महाराष्ट्र का नया मुख्यमंत्री होगा इसका फैसला जल्द होगा. लेकिन गुरुवार की वोटिंग को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा जनता के बीच चुनाव को लेकर उत्साह की है. जहां वोंटिग प्रतिशत में कई साल के रिकॉर्ड टूट गए. अब ये शिंदे सरकार का समर्थन है या फिर सरकार के खिलाफ नाराजगी.