कौन है 'विदेशी अधिकारी #1'? अडानी मामले में US की जांच में सामने आया नाम
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अभियोजकों के अनुसार, 2020-2024 के बीच भारतीय सरकारी अधिकारियों को सौर ऊर्जा कॉन्ट्रैक्ट को हासिल करने के लिए अडानी समूह द्वारा रिश्वत के रूप में जो 2,029 करोड़ रुपये (265 मिलियन डॉलर) दिए गए, उसमें से 1,750 करोड़ रुपये इसी 'विदेशी अधिकारी #1' को दी गई थी.
अडानी समूह के खिलाफ रिश्वतखोरी मामले में अमेरिका द्वारा दायर चार्जशीट में आंध्र प्रदेश के एक सरकारी अधिकारी का नाम 'विदेशी अधिकारी #1' के रूप में सामने आया है. इस नाम पर अब काफी चर्चा हो रही है कि आखिर ये कौन हैं? अभियोजकों के अनुसार, 2020-2024 के बीच भारतीय सरकारी अधिकारियों को सौर ऊर्जा कॉन्ट्रैक्ट को हासिल करने के लिए अडानी समूह द्वारा रिश्वत के रूप में जो 2,029 करोड़ रुपये (265 मिलियन डॉलर) दिए गए, उसमें से 1,750 करोड़ रुपये इसी 'विदेशी अधिकारी #1' को दी गई थी.
चार्जशीट में इस अधिकारी के बारे में क्या...
अमेरिकी चार्जशीट में जिक्र है कि "विदेशी अधिकारी #1" एक भारतीय नागरिक है. यह व्यक्ति मई 2019 से जून 2024 तक आंध्र प्रदेश का एक उच्च रैंकिंग सरकारी अधिकारी था. हालांकि, अदालत के दस्तावेजों में "विदेशी अधिकारी #1" की पहचान का खुलासा नहीं किया गया है.
आरोप है कि 2020 में अडानी ग्रीन एनर्जी और एक अन्य ऊर्जा कंपनी को सरकारी स्वामित्व वाली सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (SECI) से 12 गीगावॉट सौर ऊर्जा आपूर्ति का कॉन्ट्रैक्ट मिला था.हालांकि, SECI को बिजली खरीदने के लिए खरीदार नहीं मिल रहे थे. इसके बाद अडानी समूह ने महसूस किया कि इससे सौदा खतरे में पड़ सकता है, इसलिए उन्होंने सरकारी अधिकारियों को रिश्वत देने का निर्णय लिया, ताकि वे राज्य के पावर वितरण कंपनियों (डिस्कॉम्स) को SECI से बिजली खरीदने के लिए राजी कर सकें.
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यहां पर "विदेशी अधिकारी #1" की भूमिका सामने आती है. अमेरिकी आरोप पत्र में कहा गया है कि अडानी समूह ने इस व्यक्ति को 228 मिलियन डॉलर की रिश्वत दी, जिसने बदले में आंध्र प्रदेश के बिजली आपूर्तिकर्ताओं को SECI से 7 गीगावॉट सौर ऊर्जा खरीदने का सौदा करवाया. यह सौदा किसी भी राज्य द्वारा किए गए सबसे बड़े सौर ऊर्जा खरीद सौदे के रूप में दर्ज हुआ.
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