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Saphala Ekadashi 2024 Date: साल की आखिरी एकादशी आज, जानें श्रीहरि की पूजन विधि और दिव्य उपाय
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Saphala Ekadashi 2024: सफला एकादशी के दिन हर प्रयोग सफल होता है. इस दिन सेहत से जुड़े महाप्रयोग से लाभ होता है. इस दिन व्रत से धन, कारोबार में लाभ मिलता है. संतान प्राप्ति और संतान की बेहतर शिक्षा में लाभ होता है.
Saphala Ekadashi 2024 Date: हर साल पौष कृष्ण एकादशी को सफला एकादशी का व्रत रखा जाता है. ऐसी मान्यताएं हैं कि इस उपवास को रखने से आयु और स्वास्थ्य की रक्षा होती है. साथ ही, व्यक्ति को अपने प्रत्येक कार्यों में सफलता मिलती है. श्री हरि की कृपा से व्यक्ति को भौतिक सुख और सम्पन्नता भी मिलती है. इस बार सफला एकादशी का व्रत 26 दिसंबर को रखा जाएगा, जो कि साल की अंतिम एकादशी भी होगी.
क्यों खास है सफला एकादशी? सफला एकादशी के दिन हर प्रयोग सफल होता है. इस दिन सेहत से जुड़े महाप्रयोग से लाभ होता है. इस दिन व्रत से धन, कारोबार में लाभ मिलता है. संतान प्राप्ति और संतान की बेहतर शिक्षा में लाभ होता है. नौकरी में सफलता के लिए सबसे शुभ तिथि है.
कैसे करें श्रीहरि की उपासना? सफला एकादशी की सुबह या शाम श्री हरि का पूजन करें. मस्तक पर सफेद चंदन या गोपी चंदन लगाकर श्री हरि का पूजन करना उत्तम माना गया है. श्री हरि को पंचामृत, पुष्प और ऋतु फल अर्पित करें. अगर उपवास रखा है तो शाम को आहार ग्रहण करने के पहले जल में दीपदान करें. इस दिन गर्म वस्त्र और अन्न का दान करना भी विशेष शुभ होता है
सफला एकादशी पर करें ये महाप्रयोग
रोगों से मुक्ति सफला एकादशी के दिन अच्छी सेहत के लिए श्री हरि को मौसम के फल (ऋतु फल) अर्पित करें. 108 बार "ॐ नमो भगवते वासुदेवाय" मंत्र का जाप करें. फल को प्रसाद के रूप में ग्रहण करें. कहते हैं कि अगर कोई रोगी व्यक्ति प्रसाद का फल ग्रहण करता है तो उसे रोगों से मुक्ति मिल जाती है.
धनधान्य में वृद्धि इस दिन श्री हरि और मां लक्ष्मी की संयुक्त रूप से उपासना करें. मां लक्ष्मी को सौंफ और श्रीहरि को मिश्री अर्पित करें. "ॐ ह्रीं श्रीं लक्ष्मीवासुदेवाय नमः" मंत्र का 108 बार जाप करें. सौंफ और मिश्री को एकसाथ रख लें और रोज सुबह इसे ग्रहण करें
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