Rose Day: प्रेम, त्याग और समर्पण का प्रतीक... महज एक फूल नहीं, इश्क की पूरी दास्तान है गुलाब
AajTak
जब आप किसी को गुलाब देते हैं तो उसके कांटे हटा देते हैं. यह एक अनकहा वचन है कि जिंदगी में आने वाली हर परेशानियों को ऐसे ही हटा दिया करूंगा/करूंगी. समझ गए आप, इतना भी आसान नहीं किसी को गुलाब देना.
हस्ती अपनी हबाब की सी है, ये नुमाइश सराब की सी है नाज़ुकी उस के लब की क्या कहिए, पंखुड़ी इक गुलाब की सी है.
मशहूर शायर मीर तकी मीर जब प्रेम में पड़े और उन्हें माशूका के लबों की तारीफ करनी पड़ी तो स्याही में डूबी कलम ने कागज पर गुलाब लिख दिया. गुलाब... एक फूल, जो झाड़ी नुमा पौध में खिलता है, कांटों के बीच रहता है और जिसकी सुर्खी ऐसी है हर्फ-ए-मुहब्बत को बयां करने का उससे माकूल तरीका आज तक न मिला. तो समझिए कि गुलाब क्या है, खुद ही में जज्बा है, जज्बात है, इश्क की समूची दास्तां हैं.
इस वक्त आसमां चमकदार आसमानी है. सूरज की गुनगुनी तपिश गुदगुदा रही है है और हवा ऐसी बह रही है कि, बदन पर लगती है तो छेड़ जाती है. कुल मिलाकर माहौल ऐसा कि मोहब्बत है तो और सुर्ख हो जाती है और नही हैं तो जी उसे पाने के लिए तड़प उठता है. चारों तरफ अपनी आंखें फिराइये, कुदरत ने इस जहां को इतनी रंगीनियत बख्शी है कि दिल कह उठता है, 'गर फिरदौस बर रुए जमीं अस्त, हमीं अस्त, हमीं अस्त, हमीं अस्त.
हालांकि जहांगीर ने यह सुखन कश्मीर के लिए कहा, लेकिन माह-ए-मोहब्बत कही जाने वाली फरवरी जमीन के हर टुकड़े को इस दौरान यह रंगीनीयत सौगात में देती है. इस रंगीनियत में जो रंग गुलाब भरता है, उसके कहने ही क्या... बस नजारे देखिए और वाह कीजिए... मौका और दस्तूर वैलेंटाइन वीक का है और इसकी शुरुआत आज शुक्रवार से वैलेंटाइन डे के साथ हो रही है. पहला दिन है रोज डे के नाम, यानी कि अपने प्यार को गुलाब दीजिए और पहली शुरुआत कीजिए. दरअसल प्यार के इस रंग में गुलाब कई वजहों से खास है. इसके धार्मिक, वैज्ञानिक, मनोवैज्ञानिक कई तरह के तर्क हैं. सबसे पहला तो यह कि इसका सुर्ख (लाल) रंग और नर्म अहसास अपने आप ही अपनी ओर आकर्षित करता है.
गुलाब का जिक्र आता है और प्यार की बात होती है तो मशहूर शायर अहमद फराज लिखते हैं कि, भरी बहार में इक शाख़ पर खिला है गुलाब कि जैसे तू ने हथेली पे गाल रक्खा है
ग्रीक और यूनानी सभ्यता में गुलाब ग्रीक-रोमन सभ्यता में प्रेम की देवी एफ्रोडिटी और वीनस हैं. प्राचीन ग्रीक एफ्रोडिटी को ही नेचर यानी प्रकृति की तरह मानता था. इसी तरह खूबसूरत की देवी जो वीनस कहलाती है, उसका बेटा क्यूपिड है. यह एक नवजात बच्चे की तरह है और बड़ा ही क्यूट है. यही क्यूपिड प्रेम का देवता है. एक बार वीनस ने अमृत पीने की इच्छा की. क्यूपिड बेहद संघर्ष के बाद अमृत ले आया, लेकिन इससे उसकी कुछ बूंदें धरती पर छलक गईं. धरती पर यह समय बर्फ पिघलने का था. अमृत की बूंदें गिरीं तो वह फूल बन गईं. यह फूल गुलाब कहलाया.
प्रयागराज में माघ पूर्णिमा के अवसर पर करीब 2 करोड़ श्रद्धालुओं ने संगम में आस्था की डुबकी लगाई. इस दौरान शासन-प्रशासन हर मोर्चे पर चौकस रहा. योगी आदित्यनाथ ने सुबह 4 बजे से ही व्यवस्थाओं पर नजर रखी थी. श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के कारण ट्रेनों और बसों में यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा. देखें.
हिंदू पंचांग के अनुसार माघ मास में शुक्ल पक्ष का 15वीं तिथि ही माघ पूर्णिमा कहलाती है. इस दिन का धार्मिक, आध्यात्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से खास महत्व है और भारत के अलग-अलग हिस्सों में इसे श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाता है. लोग घरों में भी कथा-हवन-पूजन का आयोजन करते हैं और अगर व्यवस्था हो सकती है तो गंगा तट पर कथा-पूजन का अलग ही महत्व है.