QR Code करते हैं स्कैन, तो कभी भी हो सकता है आपके साथ Scam, क्या है पूरा मामला?
AajTak
QR Code Scam: ऑनलाइन पेमेंट करनी हो या फिर किसी सर्विस को एक्सेस करना हो, लोग QR Code तुरंत स्कैन करते हैं. क्या हो अगर किसी QR Code को आप स्कैन करें और वो स्कैम निकले. यानी एक कोड स्कैन आपके तमाम डेटा को कॉम्प्रोमाइज कर सकता है. इससे बचने के लिए आपको कुछ बातों का ध्यान रखना होता है. आइए जानते हैं आप QR Code Scam से कैसे बच सकते हैं.
लोगों को फंसाने के लिए स्कैमर्स तमाम तरह की चाल चलते हैं. साइबर सिक्योरिटी कंपनियों की मानें, तो स्कैमर्स लोगों को ठगने के लिए फिशिंग लिंक का सहारा ले रहे हैं. दरअसल, स्कैमर्स लोगों को QR कोड ईमेल में भेजकर ठगी कर रहे हैं. ईमेल ही नहीं कई दूसरे तरीकों से भी स्कैमर्स लोगों को फंसा रहे हैं.
ये क्यूआर कोड फिशिंग लिंक और स्कैम पेज से इनकोडेड होते हैं. जैसे ही कोई यूजर इन कोड्स को स्कैन करता है, वो स्कैम का शिकार हो सकता है. वहीं कुछ मामलों में देखा गया है कि स्कैमर्स गिफ्ट या रिटर्न के नाम पर लोगों को फंसा रहे हैं.
जब कोई यूजर इन गिफ्ट या रिटर्न्स के लिए कोड को स्कैन करता है तो उन्हें पासवर्ड एंटर करना होता है. अगर आपने पासवर्ड एंटर किया, तो स्कैम का शिकार हो जाएंगे. क्योंकि ये आपको कोई गिफ्ट नहीं देगा, बल्कि आपके अकाउंट से पैसे कट जाएंगे. स्कैमर्स लोगों को फंसाने के लिए फेस QR कोड्स को दुकानों और दूसरी जगहों पर भी चिपका रहे हैं.
FBI की वॉर्निंग
आपने देखा होगा कि दुकानों पर कई सारे QR कोड्स चिपके होते हैं. स्कैमर्स इन्हीं के बीच फेस कोड भी चिपका दे रहे हैं, जिससे आपकी पेमेंट किसी और अकाउंट में जाएगी. FBI ने भी कुछ वक्त पहले ऐसे स्कैमर्स को लेकर एक वॉर्निंग जारी की थी. अमेरिकी एजेंसी FBI ने कहा है कि कई बार स्कैमर्स असली QR कोड पर फेक कोड लगा देते हैं.
FBI के मुताबिक इन कोड को स्कैन करने के बाद मोबाइल हैक हो सकता है. मोबाइल का डेटा हैकर्स के पास जा सकता है और मोबाइल के जरिए लोगों की जासूसी भी हो सकती है. इस तरह से मोबाइल में हैकर्स मैलवेयर भी डाउनलोड कर सकते हैं.
Google Pixel 9 Pro इस साल के बेहतरीन स्मार्टफोन्स में से एक है. शानदार कैमरा, टॉप नॉच AI फीचर्स और बिल्ड क्वॉलिटी. लगभग हर पैमाने पर ये फोन खरा उतरता दिखता है. रिव्यू में हमने जानने की कोशिश की है कि इस फोन की क्या चीजें अच्छी हैं. AI फीचर्स काफी सारे हैं, लेकिन चिपसेट को लेकर लोगों की राय काफी अलग है.
बिहार के वैशाली जिले के महुआ में शिक्षा विभाग ने एक पुरुष शिक्षक को मेटरनिटी लीव दे दी, जिससे हंगामा मच गया. शिक्षक जीतेन्द्र कुमार को 2 से 10 दिसंबर तक मेटरनिटी लीव पर छुट्टी मिली, जो सरकारी पोर्टल पर दिखाया गया. सरकारी पोर्टल पर छुट्टी का प्रदर्शित आकड़ा वायरल हुआ तो लोगों ने मजाक बनाना शुरू कर दिया.