
'PM मोदी के फैसलों से सैकड़ों जानें बचीं', ऑस्ट्रेलियाई मीडिया रिपोर्ट की भारत ने की निंदा
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भारत में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर को लेकर ऑस्ट्रेलियाई अखबार में छपी रिपोर्ट की भारतीय उच्चायोग ने निंदा की है. भारतीय उच्चायोग ने उस रिपोर्ट को "आधारहीन, दुर्भावनापूर्ण और निंदनीय" बताया है.
भारत में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर को लेकर ऑस्ट्रेलियाई अखबार में छपी रिपोर्ट की भारतीय उच्चायोग ने निंदा की है. भारतीय उच्चायोग ने उस रिपोर्ट को "आधारहीन, दुर्भावनापूर्ण और निंदनीय" बताया है. Urge @australian to publish the rejoinder to set the record straight on the covid management in India and also refrain from publishing such baseless articles in future. @cgisydney @CGIPerth @cgimelbourne @MEAIndia https://t.co/4Z3Mk6ru3W pic.twitter.com/4bgWYnKDlB दरअसल, सोमवार को ऑस्ट्रेलिया के एक अखबार में एक लेख छपा. इसका टाइटल था "मोदी ने भारत को लॉकडाउन से बाहर निकालकर सर्वनाश की ओर धकेल दिया." इस लेख में भारत में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के पीछे चुनावी रैली और कुंभ मेला को जिम्मेदार ठहराया गया. साथ ही ये भी कहा गया कि प्रधानमंत्री मोदी ने एक्सपर्ट की सलाह को नजरअंदाज किया.
पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ ने गुरुवार को बलूचिस्तान के दौरे पर पहुंचे हैं, जहां उन्होंने कानून-व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा की. पाकिस्तानी सेना का दावा है कि उसने रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा कर लिया है तो दूसरी ओर बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) का कहना है कि ISPR द्वारा किए गए दावे झूठे हैं और पाक हार को छिपाने की नाकाम कोशिश कर रहा है.

पाकिस्तान द्वारा बलूचिस्तान पर जबरन कब्जे के बाद से बलूच लोग आंदोलन कर रहे हैं. पाकिस्तानी सेना ने पांच बड़े सैन्य अभियान चलाए, लेकिन बलूच लोगों का हौसला नहीं टूटा. बलूच नेता का कहना है कि यह दो देशों का मामला है, पाकिस्तान का आंतरिक मुद्दा नहीं. महिलाओं और युवाओं पर पाकिस्तानी सेना के अत्याचार से आजादी की मांग तेज हुई है. देखें.