PM के 'जबरा' फैन से मिलिए, जो 2015 से अब तक मोदी की 101 रैलियों में बने हनुमान
AajTak
वैसी तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हजारों प्रशंसक हैं लेकिन सरवन साह नाम का बेगूसराय का एक शख्स पीएम का हनुमान बनकर जी रहा है. साह ने 8 अक्टूबर 2015 में बेगूसराय में हुई पीएम मोदी की रैली से अपनी यात्रा शुरू की और अब यूपी में आयोजित पीएम मोदी की 101वीं रैली में भाग लेने के बाद बेगूसराय पहुंचे हैं.
बिहार के बेगूसराय का रहने वाला एक शख्स प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का डाई हार्ड फैन है. प्रशंसक भी ऐसा वैसा नहीं, ऐसा प्रशंसक जो अपने जीवन का अमूल्य समय पीएम का हनुमान बनकर जी रहा है. बेगूसराय के रहने वाले इस शख्सियत का नाम है सरवन साह. सरवन साह ने 8 अक्टूबर 2015 में बेगूसराय में हुई पीएम मोदी की रैली से अपनी यात्रा शुरू की और अब यूपी में आयोजित पीएम मोदी की 101वीं रैली में भाग लेने के बाद बेगूसराय पहुंचे हैं. जहां उनका पाग और माला पहनाकर स्वागत किया गया. सरवन साह पीएम मोदी की 101 रैलियों में हनुमान बन चुके हैं.
साष्टांग प्रणाम करते हैं लोग
पीएम की रैली में हनुमान बनने वाले सरवन साह का जीवन अब बदल चुका है. लोग उन्हें हनुमान मानकर श्रद्धा से इज्जत करते हैं और उन्हें साष्टांग प्रणाम भी करते हैं. सरवन साह पीएम मोदी की सभी रैलियों में हनुमान के गेटअप में दिख चुके हैं. सभी रैलियों में सरवन साह आकर्षण का केंद्र होते हैं और इन्हें लोग काफी पसंद करते हैं.
पीएम की रैलियों में पहुंचते हैं अपने खर्चे पर
सरवन साह बेगूसराय जिले के पन्हास के रहने वाले हैं और कोर्ट में मुंशी का काम करत हैं. सरवन की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है. इसके बाद भी अपने खर्चे पर पीएम की सभी रैलियों में पहुंचते हैं. अब स्थानीय लोगों ने भारतीय जनता पार्टी से सरवन साह का खर्च उठाने की अपील की है. स्थानीय लोगों का कहना है कि सरवन साह को देश के विभिन्न हिस्सों में जाने के लिए बीजेपी की ओर से खर्चा उठाया जाए.
पीएम मोदी को मानते हैं कलयुग का राम
मणिपुर हिंसा को लेकर देश के पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम खुद अपनी पार्टी में ही घिर गए हैं. उन्होंने मणिपुर हिंसा को लेकर एक ट्वीट किया था. स्थानीय कांग्रेस इकाई के विरोध के चलते उन्हें ट्वीट भी डिलीट करना पड़ा. आइये देखते हैं कि कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व क्या मणिपुर की हालिया परिस्थितियों को समझ नहीं पा रहा है?
महाराष्ट्र में तमाम सियासत के बीच जनता ने अपना फैसला ईवीएम मशीन में कैद कर दिया है. कौन महाराष्ट्र का नया मुख्यमंत्री होगा इसका फैसला जल्द होगा. लेकिन गुरुवार की वोटिंग को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा जनता के बीच चुनाव को लेकर उत्साह की है. जहां वोंटिग प्रतिशत में कई साल के रिकॉर्ड टूट गए. अब ये शिंदे सरकार का समर्थन है या फिर सरकार के खिलाफ नाराजगी.