Nusli Wadia के मर्डर की कोशिश के मामले में आरोपी शख्स को वकील उपलब्ध कराने का आदेश
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नुस्ली वाडिया की हत्या की कोशिश के मामले में आरोपी इवान सेकेइरा ने आरोप लगाया था कि उनके वकील को डराया-धमकाया जा रहा है. इसलिए अदालत की तरफ से उन्हें एक अच्छा और निडर वकील उपलब्ध कराया जाना चाहिए. कोर्ट ने आरोपी की अपील को मानते हुए उसे वकील मुहैया कराने का आदेश दिया है. आरोपी सेकेइरा पूर्व में बाला साहेब ठाकरे का सुरक्षा कर्मी भी रह चुका है.
नुस्ली वाडिया की हत्या के प्रयास से जुड़े 33 साल पुराने मामले में CBI की विशेष अदालत ने आरोपी को निडर और सक्षण वकील उपलब्ध कराने का आदेश दिया है. इस मामले में आरोपी इवान सेकेइरा ने कोर्ट में याचिका लगाकर कहा था कि उनके वकील को डराया-धमकाया जा रहा है. इसलिए उन्हें कानूनी मदद मुहैया कराई जानी चाहिए.
इवान सेकेइरा ने आरोप लगाया कि सीबीआई उद्योगपति मुकेश अंबानी को बचा रही है, जबकि उन्हें मामले में आरोपी बनाया जाना चाहिए. दरअसल, ये मामला 1988-89 में रची गई वाडिया की हत्या की साजिश से जुड़ा है. इसमें अंबानी के स्वामित्व वाली कंपनियों में से एक के सीनियर एग्जीक्यूटिव कीर्ति अंबानी मुख्य आरोपी थे.मामले की जांच मुंबई पुलिस ने शुरू की थी, लेकिन बाद में इसे सीबीआई ने अपने हाथ में ले लिया.
कोर्ट में सुनवाई के दौरान सेकेइरा ने कहा कि कीर्ति अंबानी तब जनरल मैनेजर थे. ऐसे आदमी की नुस्ली वाडिया जैसे बड़े उद्योगपति से दुश्मनी कैसे हो सकती है? हालांकि, मुकेश अंबानी अपने बयान में कह चुके हैं कि उन्हें नहीं पता कि कीर्ति अंबानी क्या कर रहे थे? सीबीआई भी अब तक यह नहीं बता पाई है कि इस प्लान के पीछे का मकसद क्या था?
शिवसेना के पूर्व सुप्रीमो बाला साहेब ठाकरे के सुरक्षा कर्मी रह चुके सेकेइरा ने मुकेश अंबानी को अदालत में गवाह के तौर पर पेश करने के लिए कहा था.
सीबीआई की तरफ से केस का प्रतिनिधित्व कर रहे विशेष लोक अभियोजक मनोज चलादान ने सेकेइरा की मांग का विरोध किया, उन्होंने कहा कि इस तरह अभियोजन पक्ष के गवाह को नहीं बुलाया जा सकता है. हालांकि, सीबीआई ने अपने जवाब में कह चुकी है कि मुकेश अंबानी का बयान पुलिस रिकॉर्ड कर चुकी है. उन्हें कोर्ट में बुलाने की जरूरत नहीं है.
सुनवाई के दौरान विशेष न्यायाधीश एसपी नाइक निंबालकर ने कहा कि सेकेइरा का प्रतिनिधित्व करने के लिए वकील उपलब्ध नहीं कराया गया. उसे कानूनी प्रतिनिधित्व का मौका मिलना चाहिए. इस पर सीबीआई के तरफ से पेश हुए चलादान ने कहा कि सेकेइरा को कानूनी सहायता दिए जाने पर उन्हें कोई आपत्ति नहीं है. लेकिन आवेदन में कुछ दूसरे आरोप भी हैं, जिनसे हम सहमत नहीं हैं.
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