MP: ना टीचर-ना छात्र, आसपास बस खेत ही खेत... इस कॉलेज से निकले पटवारी भर्ती के 7 टॉपर, अब छिड़ा विवाद
AajTak
मध्य प्रदेश के ग्वालियर में NRI कॉलेज मौजूद है. यहां पटवारी भर्ती परीक्षा का सेंटर पड़ा था. रिजल्ट आया तो पता चला कि टॉप 10 में से सात टॉपर इसी सेंटर से हैं. यह जानकारी सामने आने के बाद घोटाले की आशंका जताई जाने लगी और मामला राजनीतिक हो गया.
मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले शिवराज सरकार पर अब पटवारी भर्ती घोटाले का आरोप लग रहा है. विपक्ष इस भर्ती घोटाले के तार बीजेपी विधायक संजीव कुमार कुशवाह से जोड़ रहा है. दरअसल, पटवारी भर्ती परीक्षा में टॉप करने वाले 10 छात्रों में से 7 ग्वालियर के एनआरआई कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से हैं, जिसके मालिक भिंड के विधायक संजीव कुशवाह हैं.
इसमें अब घोटाले के आरोप लग रहे हैं. ये परीक्षा मध्य प्रदेश कर्मचारी चयन मंडल (ESB) ने आयोजित की थी.
भर्ती घोटाले के आरोप के बाद वार-पलटवार का सिलसिला जारी है. इस बीच आजतक ग्वालियर शहर में स्थित उस कॉलेज में पहुंचा जिसपर घोटाले के आरोप लग रहे हैं.
NRI कॉलेज ग्वालियर शहर में मौजूद बारा घाटा इलाके में मेन रोड से एक किलोमीटर अंदर स्थित है. कैमरे को देखकर कॉलेज की देखरेख में लगे लोगों ने गेट बंद कर लिए थे. गार्ड्स बोले कि वहां फिलहाल किसी का आना-जाना मना है.
कॉलेज के आसपास के इलाके को देखें तो इसके गेट पर कॉलेज का कोई नाम निशान नहीं है. आसपास सिर्फ खेत ही खेत हैं. इसके अलावा कॉलेज से थोड़ी दूर NRI कॉलेज के कुछ साइन बोर्ड जरूर दिखे, लेकिन उनकी हालत भी बहुत अच्छी नहीं थी.
वहां मौजूद गार्ड ने बातचीत में बताया कि उस कॉलेज में कोई स्टाफ नहीं है. ना ही वहां कोई क्लास लगती है. गार्ड ने कहा कि वहां सिर्फ हाल ही में एग्जाम जरूर हुआ था. मतलब फिलहाल कॉलेज सिर्फ एग्जाम सेंटर के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा है.
मणिपुर हिंसा को लेकर देश के पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम खुद अपनी पार्टी में ही घिर गए हैं. उन्होंने मणिपुर हिंसा को लेकर एक ट्वीट किया था. स्थानीय कांग्रेस इकाई के विरोध के चलते उन्हें ट्वीट भी डिलीट करना पड़ा. आइये देखते हैं कि कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व क्या मणिपुर की हालिया परिस्थितियों को समझ नहीं पा रहा है?
महाराष्ट्र में तमाम सियासत के बीच जनता ने अपना फैसला ईवीएम मशीन में कैद कर दिया है. कौन महाराष्ट्र का नया मुख्यमंत्री होगा इसका फैसला जल्द होगा. लेकिन गुरुवार की वोटिंग को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा जनता के बीच चुनाव को लेकर उत्साह की है. जहां वोंटिग प्रतिशत में कई साल के रिकॉर्ड टूट गए. अब ये शिंदे सरकार का समर्थन है या फिर सरकार के खिलाफ नाराजगी.