LIVE: TMC की मांग- निष्कासन ने पहले महुआ को बोलने का मौका मिले, BJP बोली- 2005 में भी 10 सांसदों को निलंबित किया गया था
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आज लोकसभा में महुआ मोइत्रा से जुड़े कैश-फॉर-क्वेरी मामले में रिपोर्ट पेश हो सकती है. रिपोर्ट पेश होने के बाद समिति की सिफारिश के आधार पर महुआ मोइत्रा की संसद सदस्यता को खत्म करने का प्रस्ताव भी लाया जाएगा. इसलिए बीजेपी ने अपने सांसदों के लिए व्हिप जारी कर आज सदन में रहने के लिए कहा है.
संसद के शीतकालीन सत्र का शुक्रवार को पांचवां दिन है. टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा के खिलाफ कैश-फॉर-क्वेरी आरोपों पर लोकसभा में एथिक्स कमेटी ने रिपोर्ट पेश कर दी. रिपोर्ट में महुआ मोइत्रा की संसद सदस्यता रद्द करने की सिफारिश की गई है. साथ ही रिपोर्ट में महुआ के खिलाफ आरोपों को गंभीर बाताया गया है और कार्रवाई की मांग की गई है. रिपोर्ट पेश होने के बाद संसद में विपक्षी सांसदों ने जमकर हंगामा किया और नारे लगाए. हंगामे को देखते हुए लोकसभा की कार्यवाही 2 बजे तक स्थगित कर दी गई. सदन की कार्यवाही शुरू होने के बाद स्पीकर ओम बिरला ने इस पर चर्चा के लिए समय दिया.
दोपहर 2 बजे से एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट पर चर्चा शुरू हुई. इस दौरान कांग्रेस सांसद ने पूछा कि महुआ मोइत्रा पर एक्शन की इतनी जल्दी क्या है? कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा, महुआ को अपना पक्ष रखने का पूरा मौका मिलना चाहिए. कमेटी ये कैसे तय कर सकती है कि सांसद को क्या सजा दी जाए. इसका फैसला सदन करेगा. ये न्याय के अधिकार के खिलाफ है.
मनीष तिवारी की आपत्ति पर ओम बिरला ने कहा, ये सदन है, कोर्ट नहीं है. न ही मैं न्यायाधीश हूं, मैं लोकसभा स्पीकर हूं.
वहीं, रिपोर्ट पर बहस के दौरान कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने स्पीकर से अपील की कि सांसदों को रिपोर्ट को पढ़ने के लिए 3-4 दिन का समय देना चाहिए. ताकि वह चर्चा के लिए तैयार हो सकें. उन्होंने कहा, मामले की गंभीरता और महत्व को देखते हुए, मैं अनुरोध करूंगा कि सदस्यों को रिपोर्ट का अध्ययन करने और सदन में चर्चा के लिए खुद को तैयार करने के लिए कम से कम 3 से 4 दिनों का पर्याप्त समय दिया जाए. उन्होंने कहा, ये रिपोर्ट 104 से ज्यादा पेजों की है, ऐसे में इसे पढ़ने के लिए और चर्चा में प्रभावी ढंग से भाग लेने के लिए पर्याप्त समय देने की जरूरत है.
महुआ को बोलने का मौका मिले- TMC
टीएमसी ने मांग की कि महुआ को सदन में बोलने का मौका मिलना चाहिए. टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने कहा, फेयर ट्रायल होना चाहिए. निष्कासन ने पहले महुआ को बोलने का मौका मिलना चाहिए. उन्हें सुने बिना निष्पक्ष जांच कैसे हो सकती है. उन्होंने कहा, ये संवैधानिक उल्लंघन है. हीरानंदानी से पूछताछ नहीं की गई.
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