'KYC में वैकल्पिक तरीके अपनाए केंद्र सरकार', तेजाब हमले की पीड़िताओं की सुप्रीम कोर्ट से गुहार
AajTak
अपनी अर्जी में पीड़िताओं ने एसिड अटैक के बाद हाथों की अंगुलियों, आंखों की पुतलियों और अन्य बायो मिट्रिक पहचान का स्थाई नुकसान होने की स्थिति का हवाला दिया है. उन्होंने कहा कि इनकी वजह से बैंक खाता खोलने, आधार कार्ड बनवाने, संपत्ति को रजिस्ट्री कराने या अपडेट करने, मोबाइल सिम कार्ड खरीदने जैसी स्थिति में बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.
तेजाब के हमले से पीड़ित 9 युवतियों ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर अपनी जैसी सैकड़ों पीड़िताओं की डिजिटल केवाईसी यानी ग्राहकों की पहचान या तस्दीक करवाने में विशेष प्रक्रिया समावेशित करने का आदेश जारी किए जाने की गुहार लगाई है. सीनियर एडवोकेट सिद्धार्थ लूथरा, एडवोकेट्स अनमोल खेता और नितिन सलूजा एल के जरिए इन पीड़िताओं ने अपनी अर्जी सुप्रीम कोर्ट में लगाई है.
अपनी अर्जी में पीड़िताओं ने एसिड अटैक के बाद हाथों की अंगुलियों, आंखों की पुतलियों और अन्य बायो मिट्रिक पहचान का स्थाई नुकसान होने की स्थिति का हवाला दिया है. उन्होंने कहा कि इनकी वजह से बैंक खाता खोलने, आधार कार्ड बनवाने, संपत्ति को रजिस्ट्री कराने या अपडेट करने, मोबाइल सिम कार्ड खरीदने जैसी स्थिति में बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.
पीड़िताओं ने कहा कि केवाईसी की प्रक्रिया में पुतलियों की डिजिटल डिटेलिंग और जीवित होने का प्रमाण देने के लिए पलकें झपकाना, उंगलियों के निशान आदि लेना कई बार नामुमकिन होता है. लिहाजा कोर्ट केंद्र सरकार को आदेश करे कि हमारी मुश्किल और मजबूरी के मद्देनजर डिजिटल केवाईसी की समावेशिक और वैकल्पिक प्रक्रिया अपनाई जाए. इसके लिए बैंक और अन्य सभी संबंधित निकायों और प्राधिकरणों के लिए गाइड लाइन जारी की जाएं.
मणिपुर हिंसा को लेकर देश के पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम खुद अपनी पार्टी में ही घिर गए हैं. उन्होंने मणिपुर हिंसा को लेकर एक ट्वीट किया था. स्थानीय कांग्रेस इकाई के विरोध के चलते उन्हें ट्वीट भी डिलीट करना पड़ा. आइये देखते हैं कि कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व क्या मणिपुर की हालिया परिस्थितियों को समझ नहीं पा रहा है?
महाराष्ट्र में तमाम सियासत के बीच जनता ने अपना फैसला ईवीएम मशीन में कैद कर दिया है. कौन महाराष्ट्र का नया मुख्यमंत्री होगा इसका फैसला जल्द होगा. लेकिन गुरुवार की वोटिंग को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा जनता के बीच चुनाव को लेकर उत्साह की है. जहां वोंटिग प्रतिशत में कई साल के रिकॉर्ड टूट गए. अब ये शिंदे सरकार का समर्थन है या फिर सरकार के खिलाफ नाराजगी.