Karauli Violence : डीजे पर बजते गानों-नारेबाजी से भड़के लोगों ने बरसाए थे पत्थर : DGP
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करौली में दंगे को हुए एक हफ्ता बीत गया है. अब यहां माहौल शांत है. शहर में कुछ ढील के साथ कर्फ्यू लगा हुआ है. लोगों के जख्म अभी हरे हैं. दोनों समुदायों के ओर से कथित तौर पर दंगे के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल कर रहे हैं. इन सब के बीच दोनों समुदाय के कई लोग प्रशासन से बाजार खोलने का आग्रह कर रहे हैं.
राजस्थान के करौली हिंसा मामले में पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) एमएल लाठर ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की. उन्होंने हिंसा की विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि 2 अप्रैल की शाम 4 बजे कलेक्ट्रेट सर्किल से रैली में शामिल करीब 200 बाइकों पर सवार 400 लोग रवाना हुए. रैली के आगे पिकअप में डीजे में गाने बज रहे थे, जबकि प्रशासन ने डीजे व लाउडस्पीकर का इस्तेमाल न करने की शर्त पर ही रैली की अनुमति दी थी.
डीजीपी ने बताया कि रैली जब अल्पसंख्यक बाहुल्य क्षेत्र से गुजर रही थी तब रैली में शामिल लोगों ने नारेबाजी शुरू कर दी. इसी के बाद आस-पास के मकानों व दुकानों से रैली में शामिल लोगों व पुलिस पर भारी पथराव शुरू हो गया. करीब 100-150 व्यक्तियों ने लाठी व डंडे लेकर हमला कर दिया. इस घटना आगजनी व तोड़फोड़ से दोनों पक्षों के करीब 80 से अधिक व्यक्तिों की सम्पत्ति को नुकसान हुआ है. प्रेस कॉन्फ्रेंस में डीजीपी के साथ अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह अभय कुमार की मौजूद थे.
कर्फ्यू में 4 घंटे की मिली राहत
जिला प्रशासन ने कर्फ्यू में चार घंटे की ढील दे दी है. 9 अप्रैल से सभी दुकानें खुलेंगी. जिला कलेक्टर का कहना है कि शहर में हालात तेजी से सामान्य हो रहे हैं. वहीं करौली एसपी ने बताया कि अब तक 23 उपद्रवियों को गिरफ्तार किया है जबकि 105 लोग पाबंद किए गए हैं. इस मामले में अब तक 10 एफआईआर दर्ज हो चुकी हैं. अब तक हुई पड़ताल में पुलिस ने 44 उपद्रवियों की पहचान कर ली है.
दंगों के मास्टर माइंड की तलाश
शहर में हुए दंगों का निर्दलीय पार्षद मकदूल और बीजेपी नेता राजाराम गुर्जर को मास्टरमाइंड माना जा रहा है. टीमें गठित कर दोनों की ही तेजी से तलाश की जा रही है.
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