J-K: एयरफोर्स के काफिले पर हमला करने वाले पाकिस्तानी आतंकियों ने ही रियासी में बस पर किया था अटैक!
AajTak
जम्मू कश्मीर के रियासी में ये हमला नौ जून की शाम करीब 6:15 बजे के आसपास हुआ था. घात लगाकर बैठे आतंकियों ने बस पर फायरिंग की, जिसके बाद बस अनियंत्रित होकर गहरी खाई में जा गिरी थी. बस पर हमले करने वाले आतंकी पहाड़ी इलाके में छुपे हुए थे.
जम्मू कश्मीर के रियासी में तीर्थयात्रियों की बस पर हमला करने वाले आतंकियों में से तीन पाकिस्तानी आतंकियों की पहचान की गई है. ये तीन पाकिस्तानी आतंकी उसी समूह का हिस्सा था, जिन्होंने चार मई को सुरनकोट में भारतीय वायुसेना के काफिले पर हमला किया था.
इन आतंकियों के नाम अबू हमजा, अदून और फौजी हैं. इन तीनों आतंकियों ने जंगल में ही ट्रेनिंग ली थी. इन्होंने यूएस-मेड एम4 कार्बाइन का इस्तेमाल किया और कई दिनों तक गुफाओं में रहे. सूत्रों का कहना है कि भारतीय वायुसेना के काफिले पर हुए हमले के बाद ये आतंकी जंगलों में ही घूमते रहे. ये आतंकी इसी क्षेत्र में लंबे समय से एक्टिव थे.
बता दें कि जम्मू कश्मीर के रियासी में ये हमला नौ जून की शाम तकरीबन 6:15 बजे के आसपास हुआ था. घात लगाकर बैठे आतंकियों ने बस पर फायरिंग की थी, जिसके बाद बस अनियंत्रित होकर गहरी खाई में जा गिरी थी. बस पर हमले करने वाले आतंकी पहाड़ी इलाके में छुपे हुए थे.
लश्कर से जुड़े आतंकी समूह TRF ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है. ये आतंकी पिछले एक महीने में राजौरी और पुंछ में कई हमले कर चुके हैं. सूत्रों का कहना है कि इस हमले में दो से तीन आतंकी शामिल थे. रियासी में तीर्थयात्रियों की बस पर हमला करने वाले आतंकी पाकिस्तानी थे. ये आतंकियों का वही ग्रुप है, जो पीर पंजाल के दक्षिण में पिछले दो सालों से सक्रिय है.
चश्मदीदों का आंखों देखा हाल
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, बस में सवार एक पीड़ित ने बताया कि बस पर 25 से 30 गोलियां चलीं और बस खाई में गिर गई. जबकि दूसरे पीड़ित ने बताया कि उसने लाल मफलर पहने एक नकाबपोश हमलावर को बस पर गोलियां चलाते देखा. तेरयथ अस्पताल में भर्ती बनारस के एक घायल तीर्थयात्री ने कहा कि हमें शाम 4 बजे निकलना था, लेकिन बस शाम 5.30 बजे निकली और अचानक गोलीबारी होने लगी.
मणिपुर हिंसा को लेकर देश के पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम खुद अपनी पार्टी में ही घिर गए हैं. उन्होंने मणिपुर हिंसा को लेकर एक ट्वीट किया था. स्थानीय कांग्रेस इकाई के विरोध के चलते उन्हें ट्वीट भी डिलीट करना पड़ा. आइये देखते हैं कि कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व क्या मणिपुर की हालिया परिस्थितियों को समझ नहीं पा रहा है?
महाराष्ट्र में तमाम सियासत के बीच जनता ने अपना फैसला ईवीएम मशीन में कैद कर दिया है. कौन महाराष्ट्र का नया मुख्यमंत्री होगा इसका फैसला जल्द होगा. लेकिन गुरुवार की वोटिंग को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा जनता के बीच चुनाव को लेकर उत्साह की है. जहां वोंटिग प्रतिशत में कई साल के रिकॉर्ड टूट गए. अब ये शिंदे सरकार का समर्थन है या फिर सरकार के खिलाफ नाराजगी.