IT कर्मचारियों के लिए रोज 14 घंटे काम पर वित्त मंत्री का रिएक्शन, कहा- 'अगर कर्नाटक सरकार...'
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Karnataka में आईटी कर्मचारियों के लिए सरकार ने 14 घंटे रोज काम के बिल का प्रस्ताव दिया और विरोध के बाद इस पर यू-टर्न ले लिया. अब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने इस मुद्दे पर पूछे जाने पर बड़ी प्रतिक्रिया दी है.
बजट (Union Budget 2024) पेश किया जा चुका है और इसके बाद आयोजित हुई नीति आयोग की बैठक पर राजनीति तेज नजर आई. पहले तो विपक्षी दलों के मुख्यमंत्रियों ने इसका बहिष्कार किया, तो वहीं पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने शिरकत तो की, लेकिन बीच में ही उन्होंने भी कम बोलने देने का आरोप लगाते हुए इसका बहिष्कार कर दिया. अब ममता बर्नजी को लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रतिक्रिया दी है, इसके साथ ही Nirmala Sitharaman ने कर्नाटक में IT कर्मचारियों के लिए 14 घंटे काम के बिल पर भी अपनी राय रखी है.
विरोध के बाद कर्नाटक सरकार का U-Turn सबसे पहले बता दें कि कर्नाटक सरकार ने आईटी प्रोफेशनल्स को हर रोज 14 घंटे काम करवाने से जुड़े बिल का प्रस्ताव दिया, तो इसपर बहस तेज हो गई है. BJP ने लगातार इस मुद्दे को लेकर राज्य की सिद्धारमैया सरकार पर हमला किया, जबकि कर्मचारी यूनियनों ने बी इस पर पुनर्विचार का आग्रह किया. इन विरोधों के चलते सरकार ने इस बिल पर यू-टर्न ले लिया है. हालांकि, कर्नाटक में मंत्री लाड का कहना था कि सरकार अभी भी विधेयक को परख रही है, जिससे सॉफ्टवेयर प्रोफेशनल हर रोज 14 घंटे काम करने के लिए बाध्य होंगे.
वित्त मंत्री ने किया टिप्पणी से इनकार Karnataka में आईटी कर्मचारियों के काम के घंटों में इजाफे के सरकार के इस बिल को लेकर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने भी अपनी राय रखी है. उन्होंने आईटी कर्मचारियों के लिए 14 घंटे काम के घंटे पर कहा है कि अगर कर्नाटक की सिद्धरमैया सरकार ऐसा बयान दे रही है, तो मुझे इस मामले पर किसी भी तरह की कोई टिप्पणी नहीं करनी है, क्योंकि उन्होंने राज्य को ऐसी स्थिति में ला दिया है. गौरतलब है कि कर्नाटक के श्रम मंत्री संतोष लाड ने इस मुद्दे पर बहस छिड़ने के बाद सफाई देते हुए कहा था कि टेक सेक्टर में काम करने वालों से और ज्यादा घंटे काम लेने के लिए उन पर कानून बनाने के संबंध में आईटी इंडस्ट्री का दबाव है.
ममता बनर्जी को लेकर क्या बोलीं वित्त मंत्री? दिल्ली में शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra MOdi) की अध्यक्षता में नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की 9वीं बैठक हुई. मीटिंग में शामिल हुईं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamta Banerjee) द्वारा किए गए बहिष्कार और उनके लगाए आरोपों पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि बैठक में हर मुख्यमंत्री को बोलने के लिए उचित समय दिया गया था. यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दावा किया कि उनका माइक बंद कर दिया गया था, जो बिल्कुल झूठा है.
'ये उनके लिए बोलने का अवसर...' वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि पश्चिम बंगाल की सीएम बैठक में आईं, यह अच्छा है कि वे इसमें शामिल हुईं और कहा कि उन्होंने सभी विपक्षी दलों की ओर से बात की. लेकिन यह दुखद बात है कि उन्होंने बहिष्कार किया. Finance Minister के मुताबिक, ममता बनर्जी हमेशा कहती हैं कि उनकी आवाज को सुना नहीं जा रहा है, लेकिन यह उनके लिए बोलने का एक अच्छा अवसर है. Budget 2024 को कांग्रेस के घोषणापत्र की नकल बताए जाने पर वित्त मंत्री ने कहा कि हम एक खराब तरीके से बनाए गए घोषणापत्र की नकल कैसे कर सकते हैं.
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