IPS मुनिराज को बनाया गया गाजियाबाद का SSP, बढ़ते क्राइम को रोकने का मिला टास्क
AajTak
गाजियाबाद में आए दिन चोरी, डकैती, लूट और सड़कों पर दिनदहाड़े महिलाओं के साथ चेन स्नेचिंग की घटनाएं सामने आ रही हैं. दुकानों से चोरी की घटनाओं ने भी व्यापारियों को डरा दिया है.
गाजियाबाद के एसएसपी पवन कुमार के निलंबन के बाद अब आईपीएस अधिकारी मुनिराज जिले की कमान संभालेंगे. आईपीएस अधिकारी मुनिराज की तैनाती अस्थायी तौर पर हुई है. पुलिस महानिरीक्षक संजीव गुप्ता ने उन्हें तत्काल पदभार संभालने का निर्देश दिया है.
2009 बैच के आईपीएस अधिकारी मुनिराज को गाजियाबाद में बढ़ते क्राइम पर रोक लगाने का महत्वपूर्ण टास्क मिला है. दरअसल, पिछले दिनों गाजियाबाद में कई चोरी, डकैती, लूट और सड़कों पर दिनदहाड़े महिलाओं के साथ चेन स्नेचिंग की घटनाएं सामने आई हैं. दुकानों से चोरी की घटनाओं ने व्यापारियों को भी डरा दिया है. साथ ही पेट्रोल पंप कर्मचारियों के साथ हुई लूटपाट के बाद आम लोग ज्यादा दहशत में हैं.
मुनिराज पहले भी संभाल चुके हैं गाजियाबाद की कमान इससे पहले भी 2009 बैच के आईपीएस अधिकारी मुनिराज गाजियाबाद में एडिशनल एसपी के तौर पर तैनात रह चुके हैं. मुनिराज मूल रूप से तमिलनाडु के रहने वाले हैं और फिलहाल पुलिस हेडक्वार्टर के चुनाव सेल में तैनात थे. चुनाव सेल में तैनाती से पहले इनकी तैनाती आगरा में थी. माना जाता है कि पिछले साल अक्टूबर में अरुण बाल्मीकि की कस्टोडियल डेथ के मामले में मुनिराज को आगरा से हटा दिया गया था.
मुनिराज को एक तेजतर्रार पुलिस अफसर माना जाता है. पुलिस अधीक्षक के तौर पर सबसे पहले इनकी तैनाती पूर्वी उत्तर प्रदेश के चंदौली में थी.
जानिए IPS अधिकारी मुनिराज को तमिलनाडु के एक किसान परिवार मे जन्मे मुनिराज 2009 बैच के आईपीएस ऑफिसर हैं. उन्होंने अपने करियर की शुरुआत बतौर एडिशनल एसपी बनारस से शुरू हुई थी. उसके बाद एएसपी गाजियाबाद, एएसपी रूरल शाहजहांपुर, एसपी सिटी गाजियाबाद, एसपी चंदौली, एसपी हमीरपुर, एसपी पीलीभीत, एसपी मऊ, एसपी बुलंदशहर और एसपी ट्रेनिंग, एसएसपी अलीगढ़ में भी तैनात रह चुके हैं.
मुनिराज की खेल में भी काफी रूचि है और धावक के तौर पर उन्होंने राष्ट्रीय स्तर के कई मेडल भी जीते हैं. साथ ही साथ उन्होंने मैराथन में भी अपना लोहा मनवाया है और अवार्ड जीते हैं. मुनिराज को विपरीत परिस्थितियों में काम करने का एक्सपर्ट माना जाता है. सीएए प्रोटेस्ट के दौरान मुनिराज की तैनाती अलीगढ़ में थी और उन्होंने वहां पर बेहतरीन काम किया था. इसी तरह आगरा में कोरोना के काल के दौरान भी मुनिराज ने काफी अच्छे काम किए. हालांकि आगरा में अरुण बाल्मीकि की कस्टोडियल डेथ को लेकर मुनिराज को आगरा से हटा दिया गया था.
मणिपुर हिंसा को लेकर देश के पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम खुद अपनी पार्टी में ही घिर गए हैं. उन्होंने मणिपुर हिंसा को लेकर एक ट्वीट किया था. स्थानीय कांग्रेस इकाई के विरोध के चलते उन्हें ट्वीट भी डिलीट करना पड़ा. आइये देखते हैं कि कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व क्या मणिपुर की हालिया परिस्थितियों को समझ नहीं पा रहा है?
महाराष्ट्र में तमाम सियासत के बीच जनता ने अपना फैसला ईवीएम मशीन में कैद कर दिया है. कौन महाराष्ट्र का नया मुख्यमंत्री होगा इसका फैसला जल्द होगा. लेकिन गुरुवार की वोटिंग को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा जनता के बीच चुनाव को लेकर उत्साह की है. जहां वोंटिग प्रतिशत में कई साल के रिकॉर्ड टूट गए. अब ये शिंदे सरकार का समर्थन है या फिर सरकार के खिलाफ नाराजगी.