IPC Section 63: जुर्माने की रकम के बारे में प्रावधान बताती है आईपीसी की धारा 63
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आईपीसी (IPC) की धारा 63 (Section 63) में जुर्माने की रकम (Amount of fine) का प्रावधान परिभाषित करती है. आइए जानते हैं कि आईपीसी (IPC) की धारा 63 इस बारे में क्या कहती है?
भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code) में जुर्म (Offence) और उसकी सजा (Punishment) के प्रावधान (Provision) के साथ-साथ अन्य मामलों (cases) की कानूनी जानकारी (legal Information) भी मिलती है. ऐसे ही आईपीसी (IPC) की धारा 63 (Section 63) में जुर्माने की रकम (Amount of fine) का प्रावधान परिभाषित करती है. आइए जानते हैं कि आईपीसी (IPC) की धारा 63 इस बारे में क्या कहती है?
आईपीसी की धारा 63 (IPC Section 63) भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code) की धारा 63 (Section 63) में जुर्माने की रकम (Amount of fine) को परिभाषित (defined) किया गया है. IPC की धारा 63 के मुताबिक 'जहां कि वह राशि अभिव्यक्त (expressed) नहीं की गई है जितनी तक आर्थिक दण्ड/जुर्माना (Fine) हो सकता है, वहां अपराधी (offender) जिस रकम (amount) के आर्थिक दण्ड/जुर्माने का उत्तरदायी (liable) है, वह अमर्यादित (limitless) है किन्तु अत्यधिक (excessive) नहीं होगी.'
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क्या होती है आईपीसी (IPC) भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code) IPC भारत में यहां के किसी भी नागरिक (Citizen) द्वारा किये गये कुछ अपराधों (certain offenses) की परिभाषा (Definition) और दंड (Punishment) का प्रावधान (Provision) करती है. आपको बता दें कि यह भारत की सेना (Indian Army) पर लागू नहीं होती है. पहले आईपीसी (IPC) जम्मू एवं कश्मीर में भी लागू नहीं होती थी. लेकिन धारा 370 हटने के बाद वहां भी आईपीसी लागू हो गई. इससे पहले वहां रणबीर दंड संहिता (RPC) लागू होती थी.
अंग्रेजों ने लागू की थी IPC ब्रिटिश कालीन भारत (British India) के पहले कानून आयोग (law commission) की सिफारिश (Recommendation) पर आईपीसी (IPC) 1860 में अस्तित्व में आई. और इसके बाद इसे भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code) के तौर पर 1862 में लागू किया गया था. मौजूदा दंड संहिता को हम सभी भारतीय दंड संहिता 1860 के नाम से जानते हैं. इसका खाका लॉर्ड मेकाले (Lord Macaulay) ने तैयार किया था. बाद में समय-समय पर इसमें कई तरह के बदलाव किए जाते रहे हैं.
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