Inside Story: 'फैसला गैरकानूनी है', PAK स्पीकर ने कर दिया था इनकार, इमरान खान को समझाया भी था
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Pakistan Crisis पाकिस्तान में इमरान खान की सरकार के खिलाफ विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग होनी थी. लेकिन डिप्टी स्पीकर ने आर्टिकल 5 का हवाला देते हुए इसे खारिज कर दिया था. अब इस मामले में नया खुलासा हुआ है. बताया जा रहा है कि स्पीकर असद कैसर आर्टिकल 5 के पक्ष में नहीं थे. इसलिए वे रविवार को संसद की कार्यवाही में शामिल नहीं हुए थे.
पाकिस्तान में डिप्टी स्पीकर ने नेशनल असेंबली में रविवार को इमरान खान के अविश्वास प्रस्ताव को खारिज कर दिया था. इसके बाद राष्ट्रपति ने संसद को भंग कर दिया था. अब 3 अप्रैल की घटना पर नया खुलासा हुआ है. बताया जा रहा है कि नेशनल असेंबली के स्पीकर असद कैसर आर्टिकल 5 के पक्ष में नहीं थे. दरअसल, आर्टिकल 5 का हवाला देकर ही डिप्टी सीएम ने विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव को खारिज कर दिया था.
सूत्रों के मुताबिक, स्पीकर असद कैसर आर्टिकल 5 के पक्ष में नहीं थे. उन्होंने इस मामले में पीएम इमरान खान की लीगल टीम को भी समझाने की कोशिश की थी. लेकिन जब वे इस मामले में इमरान खान को नहीं समझा पाए, तो उन्होंने 3 अप्रैल को नेशनल असेंबली में न जाने का फैसला किया.
इमरान खान की टीम ने ड्रॉफ्ट किया था आर्टिकल 5 इससे पहले अटॉर्नी जनरल खालिद जावेद ने एक चैनल से बातचीत में यह दावा किया था कि संविधान के मुताबिक, अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग होनी चाहिए. जियो न्यूज के मुताबिक, स्पीकर असद कैसर के नेशनल असेंबली में उपस्थित न रहने के पीछे यही वजह मानी जा रही है. सूत्रों के मुताबिक, इमरान खान की लीगल टीम ने आर्टिकल 5 को ड्राफ्ट किया था. बाद में स्पीकर की अनुपस्थिति में डिप्टी स्पीकर ने यह ड्राफ्ट पढ़ा.
बताया जा रहा है कि जब इमरान खान की लीगल टीम असद कैसर को मनाने में सफल नहीं हुई, तो डिप्टी स्पीकर से सेशन की अध्यक्षता करने के लिए कहा गया. इसलिए डिप्टी सीएम कासिम सूरी ने सेशन की अध्यक्षता की.
सदन में रविवार को क्या क्या हुआ था?
- इमरान खान के खिलाफ विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव को नेशनल असेंबली के डिप्टी स्पीकर ने खारिज कर दिया. - डिप्टी स्पीकर ने संविधान के आर्टिकल 5 का हवाला देते हुए इसे खारिज किया था. - इसके बाद इमरान खान ने राष्ट्रपति से संसद भंग करने की सिफारिश की. - राष्ट्रपति ने आधे घंटे के अंदर संसद भंग कर दी. - इमरान खान सरकार ने अगले तीन महीने में चुनाव कराने की बात कही.
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