Import Duty on Gold: अब महंगा होगा सोना खरीदना, डीजल-पेट्रोल के एक्सपोर्ट पर भी बढ़ा टैक्स
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भारत सोने का दूसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता है. घरेलू जरूरतों को पूरा करने के लिए भारत को ज्यादातर सोना आयात करना पड़ता है. कच्चे तेल के बाद सोना भारत के इम्पोर्ट बिल के सबसे बड़े कंपोनेंट में से एक है.
रुपये में लगातार आ रही गिरावट (Rupee Falling) और विदेशी मुद्रा भंडार (Forex Reserve) को हो रहे नुकसान के बीच सरकार ने शुक्रवार को कई अहम फैसले लिए. सरकार ने सोने की डिमांड (Gold Demand) पर लगाम लगाने के लिए इसके आयात पर शुल्क (Import Duty On Gold) को बढ़ा दिया. इसके साथ ही सरकार ने पेट्रोल (Petrol), डीजल (Diesel) और विमानन ईंधन (ATF) के निर्यात पर भी टैक्स (Export Duty) बढ़ाने का फैसला किया. ताजा फैसले के बाद देश में सोने की कीमतें (Gold Prices) बढ़ने के अनुमान हैं. वहीं दूसरी ओर डीजल, पेट्रोल और एटीएफ की कीमतें नियंत्रित रखने में मदद मिलने की उम्मीद है.
रुपये को बचाने की कवायद
सरकार ने सोने के आयात पर बेसिक इम्पोर्ट ड्यूटी (Basic Import Duty) को बढ़ाकर 12.5 फीसदी कर दिया. इससे पहले इसकी दर 7.5 फीसदी थी. एक आधिकारिक नोटिफिकेशन में इसकी जानकारी दी गई. आपको बता दें कि भारत सोने का दूसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता है. घरेलू जरूरतों को पूरा करने के लिए भारत को ज्यादातर सोना आयात करना पड़ता है. कच्चा तेल के बाद सोना भारत के इम्पोर्ट बिल (Import Bill) के सबसे बड़े कंपोनेंट में से एक है. अगर इस फैसले से सोने की डिमांड कम होती है, तो यह अंतत: रुपये को बचाने में मददगार साबित होगा.
भारत में सोने की पारंपरिक डिमांड
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (World Gold Council) के अनुसार, पिछले साल भारत में सोने की डिमांड में तेजी देखने को मिली थी. महामारी के दौरान भले ही इसकी डिमांड कम हुई थी, लेकिन बाद में लोग सोने की खरीदारी बढ़ाने लग गए थे. भारत में वैसे ही सोने को न सिर्फ निवेश और बचत का माध्यम माना जाता है, बल्कि इसके पारंपरिक महत्व भी हैं. लोग त्योहारों पर भी सोने की खरीदारी करते हैं. इसके अलावा शादी के सीजन में खासकर ग्रामीण भारत में सोने की डिमांड शिखर पर पहुंच जाती है. साल 2021 के आंकड़ों को देखें तो भारत का सोना आयात (Gold Import) एक दशक के उच्च स्तर पर पहुंच गया था.
इन चीजों के निर्यात पर अंकुश
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