IAS, IPS अधिकारियों से भरी ED की कहानी, इंदिरा गांधी ने पहली बार दी थी 'ताकत'
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ED की स्थापना की शुरुआत 1 मई 1956 को हुई थी जब वित्त मंत्रालय के 'एनफोर्समेंट यूनिट' का गठन किया गया था. लेकिन एक साल के भीतर ही इस यूनिट का नाम बदलकर एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट कर दिया गया.
नई दिल्ली. आर्थिक अपराधों से जुड़े मामलों की जांच करने वाली एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय यानी एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट (ED) इस वक्त चर्चा में है. पश्चिम बंगाल में पार्थ चटर्जी, शिवसेना नेता संजय राउत समेत तमाम मामलों में इस वक्त ED की जांच चर्चा का विषय है. ED की स्थापना की शुरुआत 1 मई 1956 को हुई थी जब वित्त मंत्रालय के 'एनफोर्समेंट यूनिट' का गठन किया गया था. लेकिन एक साल के भीतर ही इस यूनिट का नाम बदलकर एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट कर दिया गया.
ED के मुख्य उद्देश्य देश के दो एक्ट पर आधारित हैं. पहला, फॉरेन एक्सजेंच मैनेजमेंट एक्ट 1999 (FEMA) और दूसरा प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट 2002 (PMLA). इसके अलावा एक नया एक्ट है जो 2018 में आया. इसका नाम है फ्यूजिटिव इकोनॉमिक ऑफेंडर्स एक्ट (2018). लेकिन अगर इन तीनों ही एक्ट का इतिहास देखें तो यह 23 साल से ज्यादा पुराना नहीं है. तो फिर 1999 से पहले ये एजेंसी कैसे काम करती थी? इसका संगठन कैसे तैयार होता है? इसके दफ्तर कहां-कहां हैं?
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