Gorakhpur Temple Attack: AK-47 और M-4 कार्बाइन चलाना चाहता था मुर्तजा, एयर गन से करता था प्रैक्टिस
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Gorakhpur Temple Attack: मुर्तजा इंटरनेट के जरिए आधुनिक हथियार जैसे- AK 47 Rifle, M4 Carbine, Missile Technology आदि के आर्टिकल पढ़ता और वीडियो भी देखता था. वह एयर राइफल से प्रैक्टिस भी करता था.
Gorakhpur Temple Attack: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में गोरखनाथ मंदिर की सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों पर हमले का आरोपी मुर्तजा अब्बासी को लेकर यूपी पुलिस ने कई खुलासे किए हैं. नए खुलासे में यह बात सामने आई है कि मुर्तजा खूंखार आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया (ISIS) के संपर्क में था. यूपी के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने बताया कि मुर्तजा ISIS के आतंकी और प्रोपेगेंडा एक्टिविस्ट मेंहदी मसूद के साथ संपर्क में था. मसूद को 2014 में बेंगलुरु पुलिस ने गिरफ्तार किया था.
पुलिस की पूछताछ में सामने आया है कि मुर्तजा इंटरनेट के जरिए आधुनिक हथियार जैसे- AK 47 Rifle, M4 Carbine, Missile Technology आदि के आर्टिकल पढ़ता और वीडियो भी देखता था. वह एयर राइफल से प्रैक्टिस भी करता था. मुर्तजा ने ISIS की आतंकी शैली लोन वोल्फ अटैक की तरह ही श्री गोरक्षनाथ मंदिर के दक्षिणी गेट पर तैनात पुलिसकर्मियों पर हमला किया था. उसने सुरक्षाकर्मियों की राइफल छीनने की कोशिश की थी. उसकी योजना सुरक्षाकर्मियों पर बके से हमला कर उनके हथियार छीनकर बड़ी घटना को अंजाम देने की थी.
ISIS के आतंकी के संपर्क में था मुर्तजा
पुलिस के मुताबिक मुर्तजा की निशानदेही पर अलग-अलग इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के डाटा का विश्लेषण किया गया. उसके बताए कई सोशल मीडिया अकाउंट्स जैसे- Gmail, Twitter, Facebook की जांच की गई. साथ ही उसके कई बैंक खातों और ई-वॉलेट के वित्तीय लेन-देन की भी जांच की गई. जांच से पता चला है कि मुर्तजा सोशल मीडिया के जरिए ISIS के लड़ाकों और ISIS समर्थकों के सम्पर्क में था. मुर्तजा ISIS प्रोपेगेंडा एक्टिविस्ट मेंहदी मसूद के भी संपर्क में था, जिसे 2014 में बंगलुरू पुलिस ने गिरफ्तार किया था.
जिहादी साहित्य-वीडियो से प्रभावित था मुर्तजा
पूछताछ में सामने आया कि आरोपी मुर्तजा आतंकी संगठनों के कट्टरपंथी प्रचारक और ISIS संबंधित आतंकी विचारधारा को बढ़ावा देने वाले जिहादी साहित्य और वीडियो से पूरी तरह प्रभावित था. उसने 2013 में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर आतंकवादी प्रोपेगेंडा एक्टिविस्ट्स के सामने अंसार उल तौहिद (आतंकवादी संगठन) की बैयत (शपथ) ली थी, जिसका 2014 में ISIS में विलय हो गया था. मुर्तुजा ने वर्ष 2020 में ISIS संगठन की पुनः बैयत (शपथ) ली थी.इसके अलावा मुर्तजा ने अपने अलग-अलग बैंक खातों से करीब साढ़े आठ लाख रुपये यूरोप, अमेरिका के देशों में ISIS संगठन के समर्थकों के माध्यम से आतंकी गतिविधियों के सहयोग के लिए भेजे थे.
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