G7 की बैठक में हिस्सा लेने के लिए आज से PM मोदी इटली के दौरे पर होंगे, जानिए क्या है इस समिट का एजेंडा, बाइडेन-ट्रूडो समेत ये नेता होंगे शामिल
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज G7 के वार्षिक शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए इटली जाएंगे. इस समिट में सात सदस्य देशों के नेता और यूरोपीय काउंसिल के प्रेसिडेंट और यूरोपियन यूनियन का प्रतिनिधित्व करने वाले यूरोपीय कमीशन के अध्यक्ष एक साथ एक मंच पर इकट्ठा होंगे. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन, जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा और कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो भी समिट का हिस्सा बनेंगे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज वार्षिक जी7 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए इटली जाएंगे. इस समिट में होने के लिए भारत को एक आउटरीच देश के रूप में आमंत्रित किया गया है. विदेश मंत्रालय का कहना था कि भारत और ग्लोबल साउथ के लिए महत्वपूर्ण मुद्दों पर समिट में वैश्विक नेताओं के साथ जुड़ने का एक बेहतर अवसर होगा. इस शिखर सम्मेलन में भारत की यह 11वीं और पीएम मोदी की लगातार पांचवीं भागीदारी होगी. पीएम मोदी आउटरीच सेशन में शामिल होंगे. सम्मेलन से इतर पीएम मोदी की जी7 देशों के नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकें करने की भी संभावना है.
पीएम मोदी इटली की प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी के साथ भी द्विपक्षीय बैठक करेंगे.इस समिट में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन, जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा और कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो भी शामिल होंगे. पीएम मोदी 13 जून को इटली के लिए रवाना होंगे और 14 जून की देर रात वापस लौटेंगे. लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री के रूप में कार्यभार संभालने के बाद मोदी की यह पहली विदेश यात्रा होगी. मोदी के साथ एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल भी होगा जिसमें विदेश मंत्री एस जयशंकर, विदेश सचिव विनय क्वात्रा और एनएसए अजीत डोभाल शामिल होने की संभावना है.
यूक्रेन के राष्ट्रपति युद्ध के बारे में देंगे जानकारी
50वां जी7 शिखर सम्मेलन 13 से 15 जून तक इटली के अपुलिया क्षेत्र में बोर्गो इग्नाजिया के रिसॉर्ट में आयोजित होने जा रहा है. इसमें यूक्रेन में भीषण युद्ध और गाजा में संघर्ष का मुद्दा छाए रहने की संभावना है. यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की भी अपने देश पर रूसी आक्रमण पर एक सेशन को संबोधित करेंगे. यूक्रेन संघर्ष के बारे में पूछे जाने पर विदेश सचिव विनय क्वात्रा का कहना था कि हमने हमेशा कहा है कि बातचीत और कूटनीति इसे हल करने का सबसे अच्छा विकल्प है. विदेश सचिव ने कहा कि जी7 शिखर सम्मेलन में भारत की नियमित भागीदारी वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए नई दिल्ली के प्रयासों की बढ़ती मान्यता की ओर इशारा करती है.
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, स्विट्जरलैंड में होने वाले यूक्रेन शांति शिखर सम्मेलन में भारत उचित स्तर पर हिस्सा लेगा. हालांकि, क्वात्रा ने यह नहीं बताया कि शांति शिखर सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व कौन करेगा. मोदी ने पिछले साल मई में हिरोशिमा में पिछले जी7 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लिया था.
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