Explainer: क्या है Corona का XE वैरिएंट? जिसके भारत में पहले केस पर बना हुआ है सस्पेंस
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XE ओमिक्रॉन का सब वैरिएंट बताया जा रहा है. ओमिक्रॉन से ही भारत में कोरोना की तीसरी लहर आई थी. हालांकि, XE के पहले केस को लेकर चर्चा ऐसे वक्त पर शुरू हुई, जब भारत में करीब दो साल बाद रोजाना 1000 से कम केस आ रहे हैं.
भारत में कोरोना वायरस के XE वैरिएंट के पहले केस पर सस्पेंस बना हुआ है. दरअसल, बीएमसी ने बुधवार को दावा किया कि एक 50 साल की महिला जो हाल ही में साउथ अफ्रीका से लौटी है, वो कोराना के नए वैरिएंट XE से संक्रमित है. इसके बाद कहा जाने लगा कि यह भारत में XE वैरिएंट का पहला केस है. हालांकि, कुछ देर बाद ही केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इन खबरों का खंडन कर दिया. स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि मौजूदा सबूत कोरोना के नए XE वैरिएंट के पाए जाने की पुष्टि नहीं करते. अभी इस बारे में और जांच किए जाने की जरूरत है.
XE ओमिक्रॉन का सब वैरिएंट बताया जा रहा है. ओमिक्रॉन से ही भारत में कोरोना की तीसरी लहर आई थी. हालांकि, XE के केस को लेकर बहस ऐसे वक्त पर छिड़ी, जब भारत में करीब दो साल बाद रोजाना 1000 से कम केस आ रहे हैं.
क्या है XE वैरिएंट ?
भारत में इस साल कोरोना के कुल केसों में से 90% ओमिक्रॉन के मिले थे. ओमिक्रॉन के दो सब वैरिएंट BA.1 और BA.2 सामने आए हैं. हालांकि, इसका BA.3 वैरिएंट भी है. शुरुआती दौर में BA.1 सब वैरिएंट सबसे ज्यादा देखने को मिला. हालांकि, भारत में BA.2 के चलते तीसरी लहर देखने को मिली.
BA.2 को BA.1 की तुलना अधिक संक्रमित है. हालांकि यह ज्यादा खतरनाक नहीं रहा. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, पिछले कुछ महीनों में दुनिया भर में BA.2 के केस सामने आए हैं. पिछले 1 महीने में दुनिया में मिले ओमिक्रॉन केसों के 94 प्रतिशत केस BA.2 वैरिएंट के हैं. BA.1 के केस काफी तेजी से कम हुए हैं. वहीं, XE में BA.2 और BA.1 का म्यूटेशन पाया गया है. XE का पहला केस जनवरी में यूके में मिला था. अब तक इसके 600 केस सामने आ चुके हैं.
कितना खतरनाक है XE वैरिएंट ?
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