Exit Poll: बिहार में NDA को नुकसान... क्या नीतीश कुमार कमजोर कड़ी साबित हो रहे हैं? तेजस्वी को तगड़ा फायदा
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'आजतक एक्सिस माई इंडिया' के एग्जिट पोल में एनडीए गठबंधन को 40 में से 29-33 सीटें मिलती दिख रही है, जबकि INDIA गठबंधन को 7-10 सीटों पर कामयाबी मिल सकती है. ये INDIA गठबंधन के लिए बेहद सुखद संकेत है.
बिहार हमेशा से राजनीति के केंद्र में रहा है. लोकसभा चुनाव 2024 में प्रचार के दौरान एनडीए और INDIA गठबंधन के बीच जमकर मुकाबला देखने को मिला था. एनडीएन की तरफ से पीएम मोदी, अमित शाह और नीतीश कुमार मोर्चा संभाले हुए थे, जबकि दूसरी तरफ तेजस्वी यादव और मुकेश सहनी की जोड़ी नजर आ रही थी.
लोकसभा चुनाव में आरजेडी की तरह से तेजस्वी यादव जीतोड़ मेहनत करते दिखे थे. हालांकि उनकी पार्टी को इस लोकसभा चुनाव में खोने के लिए कुछ नहीं था, क्योंकि 2019 के लोकसभा चुनाव में आरजेडी का खाता तक नहीं खुला था. लेकिन अब चुनाव के बाद एग्जिट पोल में INDIA गठबंधन को तगड़ा लाभ होता दिख रहा है.
बता दें, 2019 के लोकसभा चुनाव में एनडीन को 40 में से 39 सीटें मिली थीं. लेकिन इस बार तेजस्वी यादव की अगुवाई में INDIA गठबंधन बिहार में तगड़ा फायदा होता दिख रहा है. 'आजतक एक्सिस माई इंडिया' (Aajtak Axis My India Exit Poll 2024) के एग्जिट पोल में एनडीए गठबंधन को 40 में से 29-33 सीटें मिलती दिख रही है, जबकि INDIA गठबंधन को 7-10 सीटों पर कामयाबी मिल सकती है. ये INDIA गठबंधन के लिए बेहद सुखद संकेत है.
वोट फीसदी की बात करें तो बिहार में एनडीए को 48 फीसदी वोट शेयर मिलता दिख रहा है, हालांकि 2019 के मुकाबले 8 फीसदी का नुकसान हो रहा है, जबकि INDIA गठबंधन को 42 फीसदी तक वोट मिल सकता है, जिसमें शानदार 15 फीसदी का इजाफा है.
अब सवाल उठता है कि बिहार में अगर NDA नुकसान हो रहा है तो इसका क्या कारण हो सकता है. एग्जिट पोल के मुताबिक बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कमजोर कड़ी साबित हो रहे हैं, यानी 2019 के मुकाबले में जेडीयू के उम्मीदवार पिछड़ रहे हैं. पिछले चुनाव में बीजेपी को 17 सीटें मिली थीं, इस बार बीजेपी को 15 सीटें मिलने का अनुमान है. लेकिन जेडीयू को इस बार 9-11 सीटें मिल सकती हैं, जबकि पिछले चुनाव में जेडीयू को 16 सीटों पर जीत मिली थी, यानी जेडीयू को 5 से 7 सीटों का नुकसान हो सकता है. जबकि एलजेपी को एक सीट का नुकसान हो सकता है.
'आजतक एक्सिस माई इंडिया'के एग्जिट पोल (Exit Poll) के मुताबिक नीतीश कुमार पर वोटरों का थोड़ा भरोसा डिगा है. उनके द्वारा लगातार पाला बदलने से उनके कोर वोटरों में गलत संदेश गया है. यानी बीजेपी के साथ जेडीयू के आने से जिस लाभ का अनुमान था, वो एग्जिट पोल में नहीं दिख रहा है. वहीं तेजस्वी यादव को कामयाबी मिलती दिख रही है, उन्होंने चुनाव के दौरान आरक्षण, रोजगार और जातीय जनगणना जैसे मुद्दों को जोर-शोर से उठाया था.
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