
Exclusive: 'मेरे सामने ही पति को मार दी गोली', अस्पताल में भर्ती लेसा ने बताई रूसी सैनिकों की बर्बरता
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यूक्रेन में रहने वाली लेसा बताती हैं कि वे हुलाइपोल में रहती हैं. मेरे घर पर रूसी सेना ने बम गिराया था. दूसरे दिन कुछ कागज लेने गए तो रूसी सैनिकों की तरफ से मुझ पर गोलियों की बौछार होने लगी.
रूस-यूक्रेन युद्ध का सोमवार को 54वां दिन है. यूक्रेन में रूस लगातार बमबारी कर रहा है. लोग दशहत की वजह से घरों में दुबके हैं. इंडिया टुडे की टीम यूक्रेन से लगातार आपको जमीनी हकीकत दिखा रही है. आज तक ने जिपोरिशिया के अस्पताल पहुंचकर उन लोगों के हाल जाने, जो युद्ध में घायल होकर भर्ती हैं और इलाज करवा रहे हैं. सुरक्षा कारणों से हम आपको ये नहीं बता सकते हैं कि ये कौन सा अस्पताल है, लेकिन हमले में घायल हुए लोग दर्दनाक दास्तां बयां कर रहे हैं.
कमरा नंबर 10 में भर्ती नर्स लेसा बार-बार अपने जख्मों को देखती हैं. वह मौत के मुंह से बाहर निकल कर आई हैं उनके शरीर पर ये गहरे जख्म रूसी सैनिक की गोलियों का नतीजा है। रह-रह कर वो अपने आपको कोसती हैं कि आखिर क्यों वह उस दिन अपने घर वापस लौटीं, जहां पर गोलियों की बौछार उनका इंतजार कर रही थी.
हम चिल्लाते रहे.. रूसी सैनिक गोली बरसाते रहे
लेसा बताती हैं कि वे हुलाइपोल में रहती हैं. उन्होंने कहा- मेरे घर पर रूसी सेना ने बम गिराया था. दूसरे दिन कुछ कागज लेने गए तो हमारा पूरा इलाका घिरा हुआ था. रूसी सैनिकों की तरफ से मुझ पर गोलियों की बौछार होने लगी. हम चिल्लाते रहे कि रुक जाइए, हम लोग नागरिक हैं. हम अपने कागज लेने आए हैं. मगर वह नहीं रुके और एक दम से अंधेरा छा गया. मैं खून से लथपथ हो गई.
मैं घंटों लहूलुहान पड़ी रही, हालत भी खराब हो गई
अपनी कहानी बताते हुए लेसा की आंखों में खौफ भर जाता है. वह बुरी तरह जख्मी हो गईं. मेरे सामने पति को भी पीठ में गोली मारी गई है. खून से लथपथ वो मदद की गुहार लगाती रहीं. तब एक रूसी सैनिक ने कहा कि हम इलाज करा सकते हैं, मगर रूसी डॉक्टर से. पहले तो वह वह घंटों किसी गाड़ी में पड़ी रहीं, फिर कुछ रूसी डॉक्टर आए और उन्होंने ऑपरेशन किया, मगर ठीक होने की जगह उनकी हालत और खराब हो गई.

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