Etah: सपा नेता के रिश्तेदार की अवैध बिल्डिंग पर चला 'योगी का बुलडोजर', कब्जामुक्त कराई गई सरकारी जमीन
AajTak
UP News: यूपी के एटा जिले में समाजवादी पार्टी के नेता के रिश्तेदार की अवैध बिल्डिंग पर बुलडोजर चला है. आरोपी ने जिला जज के आवास के पास एक प्लॉट पर कब्जा कर वहां एक बिल्डिंग बना ली थी.
UP News: यूपी में 'योगी का बुलडोजर' माफिया-अपराधियों पर कहर ढा रहा है. यूपी में योगी आदित्यनाथ के दोबारा सत्ता में आते ही शहर-शहर में बुलडोजर वाला अभियान शुरू हुआ. अब एटा जिले में भू-माफिया के खिलाफ कार्रवाई की गई है. भूमाफिया को शहर के बीचों-बीच बेशकीमती सरकारी जमीन पर कब्जा कर बिल्डिंग खड़ी करना महंगा पड़ गया.
रविवार को जिला प्रशासन ने भारी भरकम फोर्स के साथ करोड़ों की बिल्डिंग को जमींदोज कर दिया. यह अवैध बिल्डिंग समाजवादी पार्टी नेता के रिश्तेदार बलवीर सिंह यादव की थी.
बता दें कि जनपद के समाजवादी पार्टी (सपा) नेता के रिश्तेदार बलवीर सिंह यादव ने जिला जज के आवास के पास एक प्लॉट में विशाल बिल्डिंग खड़ी कर ली. जिला प्रशासन का कहना है कि उनकी ओर से बलवीर सिंह को नोटिस देकर खुद बिल्डिंग हटाने के निर्देश दिए गए थे लेकिन उन्होंने निर्देश को हवा में उड़ा दिया तो प्रशासन ने रविवार यह कार्रवाई की है.
एटा के एडीएम विवेक कुमार ने बताया, 'यह अवैध रूप से निर्माण की गई बिल्डिंग है. इसको ध्वस्त करने का आदेश जारी किया गया है, इसलिए इसे ध्वस्त किया जा रहा है. सारी सूचनाएं भूमि पर कब्जा करने वाले को दी गईं, इसको लेकर प्रॉपर आदेश हुआ है. जिसका पालन नहीं होने पर अवैध निर्माण को गिरा दिया गया'
गौरतलब है कि यूपी के कोने-कोने में अपराधियों पर आफत आई हुई है. क्योंकि योगी राज 2.0 में अब बदमाशों पर और भी सख्त तेवर हैं. साफ है कि दोबारा सीएम बनने के बाद योगी सरकार अपराधियों पर कहर ढा रही है. बाबा का बुलडोजर अपराधियों के खिलाफ जितनी रफ्तार दिखा रहा है, कानून तोड़ने वालों के मन में डर छा रहा है. आने वाले दिन यूपी में अपराधियों पर और भारी हैं.
मणिपुर हिंसा को लेकर देश के पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम खुद अपनी पार्टी में ही घिर गए हैं. उन्होंने मणिपुर हिंसा को लेकर एक ट्वीट किया था. स्थानीय कांग्रेस इकाई के विरोध के चलते उन्हें ट्वीट भी डिलीट करना पड़ा. आइये देखते हैं कि कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व क्या मणिपुर की हालिया परिस्थितियों को समझ नहीं पा रहा है?
महाराष्ट्र में तमाम सियासत के बीच जनता ने अपना फैसला ईवीएम मशीन में कैद कर दिया है. कौन महाराष्ट्र का नया मुख्यमंत्री होगा इसका फैसला जल्द होगा. लेकिन गुरुवार की वोटिंग को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा जनता के बीच चुनाव को लेकर उत्साह की है. जहां वोंटिग प्रतिशत में कई साल के रिकॉर्ड टूट गए. अब ये शिंदे सरकार का समर्थन है या फिर सरकार के खिलाफ नाराजगी.