Cyclone Remal: तेज हवा से ट्रेनों के फिसलने का खौफ! रेलवे ने जंजीर और ताले से बांधी ट्रेन
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पश्चिम बंगाल में रेमल का असर दिखना शुरू हो गया है. कोलकाता सहित कई शहरों के इलाकों में तेज हवा के साथ भारी बारिश हो रही है. इसी बीच तेज हवा से ट्रेनों के फिसलने से बचाने के लिए रेलवे ने शालीमार रेलवे स्टेशन पर खड़ी ट्रेन के पहियों को जंजीर और ताले से पटरी के साथ बांध दिया है.
चक्रवर्ती तूफान रेमल ने अब अपने तेवर दिखाना शुरू कर दिया है. भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के मुताबिक चक्रवात रेमल अब से कुछ देर बात पश्चिम बंगाल के तटों और बांग्लादेश से टकराएगा. तूफान के असर से कोलकाता शहर के कुछ हिस्सों में भारी बारिश हो रही है. वहीं, चक्रवात को लेकर बंगाल के राज्यपाल ने लोगों को सतर्क रहने की हिदायत दी तो पीएम नरेंद्र मोदी ने दिल्ली में समीक्षा बैठक बुलाई.
आईएमडी के अनुसार, अगले 6 घंटे तक चक्रवात का असर दिखाई देगा. इस दौरान हवा की गति 110-120 किमी प्रति घंटे से बढ़कर 135 किमी प्रति घंटे तक पहुंच सकती है. उत्तर बंगाल की खाड़ी में समुद्र में इसकी अधिकतम रफ्तार 135 किमी प्रति घंटे है. इसके कारण पश्चिम बंगाल के बीरभूम, नादिया, बांकुड़ा, पूर्वी बर्दवान, पूर्वी मेदिनीपुर, उत्तर 24 परगना, दक्षिण 24 परगना, कोलकाता के कई इलाकों में बारिश और भारी बारिश शुरू हो चुकी है.
जंजीर-ताले से बांधी ट्रेन
वहीं, तेज हवा से ट्रेनों के फिसलने से बचाने के लिए हावड़ा में एहतियात के तौर पर शालीमार रेलवे स्टेशन पर ट्रेनों के पहियों को जंजीर और ताले के साथ पट्टरियों से बांध दिया गया है. साथ ही चक्रवात से निपटने के लिए पश्चिम बंगाल में एनडीआरएफ की कुल 14 टीमें तैनात की गई हैं.
IMD कोलकाता के पूर्वी क्षेत्र के प्रमुख सोमनाथ दत्ता का कहना है कि बांग्लादेश और पश्चिम बंगाल तट पर लैंडफॉल रात साढ़े आठ बजे से शुरू हो गया है. रात साढ़े दस बजे के ऑब्जरवेशन के अनुसार, यह पता चला है कि लैंडफॉल अभी भी जारी है. रात साढ़े 12 बजे तक लैंडफॉल की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी.
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