Crude Oil Import: 'मेरे से ले लो सस्ते तेल... लाइन लगाकर खड़े हैं कई देश, सिर्फ रूस के भरोसे भारत नहीं'
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Hardeep Singh Puri ने कहा कि भारत तीसरा बड़ा एनर्जी कंज्यूमर है. भारत अपने आयात के तरीकों में विविधता लाया है और जिसके पास तेल है, उससे खरीदेगा. भारत को कच्चा तेल बेचने के लिए कई देश कतार में खड़े हैं.
भारत कच्चे तेल (Crude Oil) का प्रमुख अंतरराष्ट्रीय उपभोक्ता है और दुनिया के तमाम देशों से अपनी जरूरत के मुताबिक क्रूड का आयात (India's Crude Import) करता है. इसमें रूस भी शामिल है. लेकिन बीते कुछ समय में ऐसी कई खबरें सुर्खियों में रही हैं, जिनमें दावा किया गया कि भारत ने रूसे से कच्चे तेल (Russia Oil Import) का आयात बहुत कम या लगभग खत्म कर दिया है. इस पर बात करते हुए केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी (Hardeep Singh Puri) ने कहा कि बीते एक साल में रूस से आयात कम नहीं हुआ, बल्कि बढ़ा ही है. इसके साथ ही उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि हमें जहां से सस्ता तेल मिलेगा, हम वहां से खरीदेंगे. उन्होंने कहा कि इस समय भारत ऐसी स्थिति में है कि सस्ता तेल बेचने के लिए कई देश कतार में खड़े हुए हैं.
रूस के साथ तेल का ट्रेड लगातार जारी बुधवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान रुस से तेल आयात करने के मामले में केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी खुलकर बात की. उन्होंने आंकड़े गिनाते हुए कहा कि बीते साल फरवरी 2022 तक रूस से तेल का आयात हमारी कुल खपत का महज 0.20 फीसदी था. इसके बाद Russia-Ukraine युद्ध के चलते जब परेशानियां शुरू हुईं, तब रूस ने भारत को डिस्काउंट पर कच्चा तेल ऑफर किया. हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि रूस के इस ऑफर को हमने स्वीकारा और हमने कच्चे तेल की ज्यादा खरीद करते हुए आयात बढ़ा दिया. उस समय ये 0.20 फीसदी से बढ़कर 40 फीसदी तक पहुंच गया था.
पुरी ने कहा कि अब अगर ये फिर से घटकर 29 फीसदी या करीब 20 फीसदी तक आया है, तो इससे ये कहना गलत है कि भारत की रूस से तेल खरीद खत्म हो गई है. भारत शुरुआत से ही रूस-यूक्रेन युद्ध में तटस्थ रहा है, साथ ही रूस से भारी मात्रा में तेल खरीद रहा है. रूस ने भारत को रियायती दरों पर तेल ऑफर किया था, तो इसका लाभ भारतीय तेल कंपनियों ने उठाया था.
जिसके पास तेल है, उससे खरीदेंगे केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने आगे बताया कि दक्षिण एशिया के पास हमारे जो पड़ोसी देश हैं, वहां पर भी 40 से 80 फीसदी डीजल के दाम बढ़े हैं. यदि आप पश्चिमी औद्योगिक क्षेत्र को देखें, तो वहां भी कीमतों में इजाफा हुआ है, लेकिन यहां कीमतें कम हो गई हैं. हम ऐसा दूरदर्शी नेतृत्व के कारण कर पा रहे हैं. उन्होंने कहा कि केंद्रीय उत्पाद शुल्क में कटौती दो मौकों पर की गई, नवंबर 2021 और मई 2022 और हमने इसे 2023 में भी लागू किया.
तेल खरीद को लेकर बोलते हुए पुरी ने कहा कि भारत तीसरा बड़ा एनर्जी कंज्यूमर है. भारत ने अपने आयात के तरीकों में विविधता लाने का काम किया है, ऐसे में जिसके पास तेल है, उससे खरीदेगा. देश की सरकार की केवल एक ही डिमांड है कि भारतीय उपभोक्ताओं को बिना किसी व्यवधान के सबसे किफायती मूल्य पर ये मिल सके.
भारत के लिए कतार लगातार खड़े कई देश हरदीप सिंह पुरी के मुताबिक, भारत में कच्चे तेल की रोजाना खपत 5 मिलियन बैरल है और इसमें से फिलहाल 1.5 मिलियन बैरल अभी भी रूस से ही खरीदा जा रहा है. इस हिसाब से देखें, तो अभी भी भारत अपनी कच्चे तेल की अपनी जरूरत का 20 फीसदी हिस्सा रूस से ही ले रहा है. उन्होंने कहा कि अभी तेल बेचने वाले देश कतार लगाकर भारत को ऑफर दे रहे हैं. कुछ देश भले ही रूस से थोड़े और दूर हैं, लेकिन वो कह रहे हैं कि हम रूस से ज्यादा सस्ता तेल भारत को देंगे, तो फिर हमें इन देशों से कच्चा तेल लेने में क्या दिक्कत है? केंद्रीय मंत्री ने साफ शब्दों में कहा कि हमें जहां से तेल सस्ता मिलेगा, हम वहां से खरीदेंगे. इसमें किसी को दिक्कत नहीं होनी चाहिए.
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