CrPC Section 47: वॉन्टेड, तलाश और गिरफ्तारी से संबंधित है सीआरपीसी की धारा 47
AajTak
सीआरपीसी (CrPC) की धारा 47 (Section 47) की बात की जाए तो यह उस स्थान की तलाशी (Search of place) के बारे में है, जहां कोई ऐसा वांछित शख्स (wanted man) दाखिल हुआ हो, आइए जानते हैं कि सीआरपीसी की धारा 47 के प्रावधान (Provisions) और नियम (Rules) क्या हैं?
दंड प्रक्रिया संहिता (Code of Criminal Procedure) में अदालत (Court) और पुलिस (Police) के साथ-साथ उनकी कार्य प्रणाली (modus operandi) के बारे में भी जानकारी (information) देती है. इसी कड़ी में सीआरपीसी (CrPC) की धारा 47 (Section 47) की बात की जाए तो यह उस स्थान की तलाशी (Search of place) के बारे में है, जहां कोई ऐसा वांछित शख्स (wanted man) दाखिल हुआ हो, आइए जानते हैं कि सीआरपीसी की धारा 47 के प्रावधान (Provisions) और नियम (Rules) क्या हैं?
सीआरपीसी की धारा 47 (CrPC Section 47) दंड प्रक्रिया संहिता (Code of Criminal Procedure) की धारा 47 (Section 47) में बताया गया है कि उस स्थान की तलाशी (Search of place) जिसमें ऐसा व्यक्ति प्रविष्ट (entered by person) हुआ है, जिसकी गिरफ्तारी (Arresting) की जानी है. CrPC की धारा 47 के अनुसार-
(1) अगर गिरफ्तारी के वारंट (warrant of arrest) के अधीन कार्य करने वाले किसी व्यक्ति को, या गिरफ्तारी करने के लिए प्राधिकृत (Authority) किसी पुलिस अधिकारी (Police officer) को, यह विश्वास करने का कारण (reason to believe) है कि वह व्यक्ति जिसे गिरफ्तार (Arrest) किया जाना है, किसी स्थान (any place) में प्रविष्ट (entered) हुआ है, या उसके अंदर है तो ऐसे स्थान में निवास (residing) करने वाला, या उस स्थान का भारसाधक (In charge) कोई भी व्यक्ति, पूर्वोक्त रूप (aforesaid form) में कार्य करने वाले व्यक्ति द्वारा या ऐसे पुलिस अधिकारी द्वारा मांग (demand) की जाने पर उसमें उसे अबाध प्रवेश (free ingress thereto) करने देगा और उसके अंदर तलाशी (search) लेने के लिए सब उचित सुविधाएं (reasonable facilities) देगा.
(2) अगर ऐसी जगह (such place) में जाना उपधारा (sub section) (1) के अधीन नहीं हो सकता तो किसी भी मामले में उस व्यक्ति के लिए, जो वारंट के अधीन (acting under a warrant) कार्य कर रहा है, और किसी ऐसे मामले में, जिसमें वारंट निकाला जा सकता है किंतु गिरफ्तार (Arrest) किए जाने वाले व्यक्ति को भाग जाने का अवसर (an opportunity of escape) दिए बिना प्राप्त नहीं किया जा सकता, पुलिस अधिकारी (Police officer) के लिए यह विधिपूर्ण (lawful) होगा कि वह ऐसे स्थान में प्रवेश (entered) करे और वहां तलाशी (Search) ले और ऐसे स्थान में प्रवेश कर पाने के लिए किसी घर (home) या स्थान (Place) के, चाहे वह उस व्यक्ति का हो जिसे गिरफ्तार किया जाना है, या किसी अन्य व्यक्ति का हो, किसी बाहरी या भीतरी द्वार (exterior or interior door) या खिड़की को तोड़कर (breaking the window) खोल ले यदि अपने प्राधिकार (Authority) और प्रयोजन (Purpose) की सूचना (information) देने के तथा प्रवेश करने की सम्यक् रूप से मांग करने के पश्चात् वह अन्यथा प्रवेश प्राप्त नहीं कर सकता है.
लेकिन अगर ऐसी कोई जगह (Such place) ऐसा कमरा (Room) है जो गिरफ्तार किए जाने वाले व्यक्ति से अलग ऐसी महिला (woman) के वास्तविक अधिभोग (actual occupancy) में है जो रूढ़ि के अनुसार (according to custom) लोगों के सामने नहीं आती है तो ऐसा व्यक्ति या पुलिस अधिकारी (Police officer) उस कमरे में प्रवेश करने के पूर्व उस महिला को सूचना (information) देगा कि वह वहां से हट जाने के लिए स्वतंत्र (free to move) है और हट जाने के लिए उसे प्रत्येक उचित सुविधा (every reasonable facility) देगा और तब कमरे को तोड़कर (breaking the room) खोल सकता है और उसमें प्रवेश (enter) कर सकता है.
(3) कोई पुलिस अधिकारी (Police officer) या गिरफ्तार (arrest) करने के लिए प्राधिकृत (authorised) अन्य व्यक्ति किसी घर (House) या स्थान (Place) का कोई बाहरी या भीतरी (outer or inner) द्वार (door) या खिड़की (window) अपने को या किसी अन्य व्यक्ति को जो गिरफ्तार करने के प्रयोजन से विधिपूर्वक (purposefully) प्रवेश करने के पश्चात् वहां निरुद्ध (detained) है. मुक्त करने के लिए तोड़कर खोल (break open) सकता है.
मणिपुर हिंसा को लेकर देश के पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम खुद अपनी पार्टी में ही घिर गए हैं. उन्होंने मणिपुर हिंसा को लेकर एक ट्वीट किया था. स्थानीय कांग्रेस इकाई के विरोध के चलते उन्हें ट्वीट भी डिलीट करना पड़ा. आइये देखते हैं कि कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व क्या मणिपुर की हालिया परिस्थितियों को समझ नहीं पा रहा है?
महाराष्ट्र में तमाम सियासत के बीच जनता ने अपना फैसला ईवीएम मशीन में कैद कर दिया है. कौन महाराष्ट्र का नया मुख्यमंत्री होगा इसका फैसला जल्द होगा. लेकिन गुरुवार की वोटिंग को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा जनता के बीच चुनाव को लेकर उत्साह की है. जहां वोंटिग प्रतिशत में कई साल के रिकॉर्ड टूट गए. अब ये शिंदे सरकार का समर्थन है या फिर सरकार के खिलाफ नाराजगी.