Coal Crisis: देश में कोयले की कमी को लेकर गृह मंत्रालय गंभीर, अमित शाह ने बुलाई बैठक
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मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि देश के करीब 10 राज्य कोयला संकट का सामना कर रहे हैं. हालांकि, सरकार का कहना है कि यूपी, पंजाब में कोयले की कमी नहीं हुई है, बल्कि आंध्र, राजस्थान, तमिलनाडु जैसे राज्यों में जरूर कोयले की कमी देखने को मिल रही है.
देश में कोयले और बिजली की स्थिति को लेकर मंगलवार को गृह मंत्रालय में बड़ी बैठक हुई. सूत्रों के मुताबिक ऐसी आशंका जताई गई थी कि NTPC को चलाने के लिए कई राज्यों में कोयले के भंडार की कमी की वजह से बिजली संकट (Electricity Crisis) पैदा हो सकता है, इसको लेकर कुछ राज्यों ने केंद्र को पत्र लिखा था. इसी के बाद यह बैठक हुई है. गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आर.के. सिंह, केंद्रीय कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी के अलावा रेल मंत्री, कैबिनेट सेक्रेटरी, नावेली लिग्नाईट कॉरपोरेशन के CMD, कोल डिपार्टमेंट के अधिकारी मौजूद रहे.
12 राज्यों में बिजली संकट: राउत
बता दें कि देश में भीषण गर्मी के बीच दिल्ली महाराष्ट्र में बिजली की भारी मांग है. इस वजह से कई राज्यों में बिजली की कमी हो रही है. महाराष्ट्र के ऊर्जा मंत्री नितिन राउत ने मंगलवार को कहा कि कोयले की कमी के कारण 12 राज्यों को बिजली संकट का सामना करना पड़ रहा है. उनका विभाग इस कमी को कम करने के लिए माइक्रो लेवल की योजना पर काम कर रहा है. उन्होंने दावा किया कि इस योजना के कारण ही पिछले छह दिनों से महाराष्ट्र में कोई लोड-शेडिंग नहीं हुई और बिजली की कमी 15 प्रतिशत तक आकर रुक गई है.
कम भेजी जा रहीं कोयला लदी ट्रेनें
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने एक लाख मीट्रिक टन कोयले के आयात के लिए निविदाएं जारी की हैं. कोयले की कमी रेक (ट्रेन) की कमी के कारण है. हमें प्रति दिन 37 रेक की जरूरत होती है, जबकि हमें केवल 26 मिलते हैं. हर रैक 4,000 मीट्रिक टन कोयले का परिवहन कर सकता है.
दिल्ली : 19 दिन में 28% बढ़ गई बिजली की खपत
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