CM सिद्धारमैया ने बताई अपनी अधूरी प्रेम कहानी, बोले- दूसरी जाति की थी लड़की...
AajTak
अंतरजातीय विवाहों को अपना पूरा समर्थन और सहयोग देते हुए सिद्धारमैया ने वादा किया कि उनकी सरकार अंतरजातीय विवाहों के लिए सभी सहायता प्रदान करेगी. उन्होंने इस तथ्य पर अफसोस जताया कि समानता-आधारित समाज बनाने के कई समाज सुधारकों के प्रयास अभी तक परिणाम नहीं ला सके हैं.
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने गुरुवार रात मैसूर के एक कार्यक्रम में समाज में जातिवाद के कारण अपनी असफल 'प्रेम कहानी' को याद करते हुए जनता के सामने खुलकर बात की. 'बुद्ध पूर्णिमा' के अवसर पर अंतरजातीय विवाह पर एक कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने अपने कॉलेज के दिनों को याद करते हुए पुराना किस्सा सुनाया. उन्होंने कहा, “मैं अंतरजातीय विवाह करना चाहता था लेकिन ऐसा नहीं हुआ. लड़की ने मना कर दिया."
उन्होंने आगे बताते हुए कहा, ''जब मैं पढ़ाई कर रहा था तो मुझे एक लड़की से प्यार हो गया था. मुझे गलत मत समझना. मैंने उससे शादी करने के बारे में सोचा था लेकिन उसके परिवार वाले और लड़की भी सहमत नहीं थी. इसलिए शादी नहीं हुई. ऐसी स्थिति सामने आई कि मुझे अपनी जाति की ही लड़की से शादी करनी पड़ी. मेरी शादी मेरे समुदाय में ही हुई.''
अंतरजातीय विवाहों को अपना पूरा समर्थन और सहयोग देते हुए सिद्धारमैया ने वादा किया कि उनकी सरकार अंतरजातीय विवाहों के लिए सभी सहायता प्रदान करेगी. उन्होंने इस तथ्य पर अफसोस जताया कि समानता-आधारित समाज बनाने के कई समाज सुधारकों के प्रयास अभी तक परिणाम नहीं ला सके हैं.
उन्होंने कहा कि जातिवाद की सामाजिक बुराई को मिटाने के दो ही रास्ते हैं. एक है अंतरजातीय विवाह और दूसरा है सभी समुदायों के बीच सामाजिक-आर्थिक सशक्तिकरण. सिद्धारमैया ने कहा कि सामाजिक-आर्थिक उत्थान के बिना किसी समाज में सामाजिक समानता नहीं हो सकती.
(पीटीआई के इनपुट के साथ)
मणिपुर हिंसा को लेकर देश के पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम खुद अपनी पार्टी में ही घिर गए हैं. उन्होंने मणिपुर हिंसा को लेकर एक ट्वीट किया था. स्थानीय कांग्रेस इकाई के विरोध के चलते उन्हें ट्वीट भी डिलीट करना पड़ा. आइये देखते हैं कि कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व क्या मणिपुर की हालिया परिस्थितियों को समझ नहीं पा रहा है?
महाराष्ट्र में तमाम सियासत के बीच जनता ने अपना फैसला ईवीएम मशीन में कैद कर दिया है. कौन महाराष्ट्र का नया मुख्यमंत्री होगा इसका फैसला जल्द होगा. लेकिन गुरुवार की वोटिंग को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा जनता के बीच चुनाव को लेकर उत्साह की है. जहां वोंटिग प्रतिशत में कई साल के रिकॉर्ड टूट गए. अब ये शिंदे सरकार का समर्थन है या फिर सरकार के खिलाफ नाराजगी.