CM मोहन यादव की हिदायत के बाद एक्शन में पुलिस, तेज आवाज में बज रहे 3 डीजे जब्त
AajTak
MP News: CM मोहन यादव की कैबिनेट की पहली ही बैठक में धार्मिक स्थल और अन्य स्थानों पर ध्वनि विस्तारक यंत्रों को अवैधानिक रूप से और तय मापदण्ड से अधिक बजाने पर प्रतिबंध लगाए जाने के संबंध में निर्णय लिया गया था.
मध्य प्रदेश के नवीन मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के निर्देश पर अशोकनगर जिले की पुलिस ने कर्रवाई कर दी. बीती रात जिला मुख्यालय और सिटी कोतवाली पुलिस ने तेज आवाज में बजते 3 डीजे पर जब्त कर लिए. मुख्यमंत्री मोहन यादव ने बुधवार दोपहर शपथ लेने बाद प्रशासनिक बैठक में जनहित में एक महत्त्वपूर्ण निर्णय लिया था. इसके तहत ध्वनि विस्तारक यंत्र जैसे लाउड स्पीकर और डीजे आदि पर प्रतिबंध लगाने के निर्देश दिए. इसी निर्देश पर सिटी कोतवाली पुलिस ने यह कार्रवाई की. बीते दिन जारी आदेश के बाद प्रदेश की यह पहली कार्रवाई मानी जा रही है.
दरअसल, शादी-ब्याह का सीजन आते ही सड़कों, मैरिज गार्डन सहित अनेक स्थानों पर धूमधड़ाके वाले बेहद तेज आवाज के कान फोड़ने वाले डीजे की बहार सी आ जाती है. दिन में तो ठीक लेकिन देर रात तक तेज आवाज में डीजे बजाना मानो फैशन सा बन गया है. हालांकि, इससे सिर्फ उन्हें ही आनंद मिलता है जिनके यहां समारोह होता है. बाकी आसपास निवास करने वाले लोगों को तो वह समय निकालना मुश्किल हो जाता है.
विशेषकर ह्रदय रोगी, उम्रदराज व्यक्ति, नवजात शिशु,मरीज आदि इस तीव्र ध्वनि से खासे प्रभावित होते हैं. इसके अलावा परीक्षाओं के समय विद्यार्थियों की पढ़ाई में भी खलल पड़ता है. लेकिन एक वाहन पर बड़े बड़े और काफी संख्या में बक्सों में तेज आवाज में संगीत बजाकर ध्वनि प्रदूषण फैलाते ये डीजे वाले सिर्फ व्यवसाय के लिए किसी की परवाह नही करते. डीजे बजवाने वाले भी उस समय ये भूल जाते हैं कि अन्य लोगों को कितनी परेशानी होती होगी.
सिटी कोतवाली थाना प्रभारी ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के पूर्व के आदेश और मुख्यमंत्री मोहन यादव की कैबिनेट के फैसले को तुरंत अमल में लाते हुए देर रात ध्वनि प्रदूषण कर रहे 3 डीजे मय वाहनों के जब्त कर कोतवाली लाए गए और आवश्यक कार्रवाई कर न्यायालय में पेश किए जाएंगे.
साथ ही आने वाले समय के लिए एक बैठक बुलाकर डीजे वालों को समझाइश दी जाएगी, जिसमें आदेश में उल्लेखित मापदण्डों को ध्यान में रखने के निर्देश दिए जाएंगे. उल्लंघन करने वालों पर दोबारा कार्रवाई जारी रखने की बात थाना प्रभारी की ओर से कही गई.
मणिपुर हिंसा को लेकर देश के पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम खुद अपनी पार्टी में ही घिर गए हैं. उन्होंने मणिपुर हिंसा को लेकर एक ट्वीट किया था. स्थानीय कांग्रेस इकाई के विरोध के चलते उन्हें ट्वीट भी डिलीट करना पड़ा. आइये देखते हैं कि कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व क्या मणिपुर की हालिया परिस्थितियों को समझ नहीं पा रहा है?
महाराष्ट्र में तमाम सियासत के बीच जनता ने अपना फैसला ईवीएम मशीन में कैद कर दिया है. कौन महाराष्ट्र का नया मुख्यमंत्री होगा इसका फैसला जल्द होगा. लेकिन गुरुवार की वोटिंग को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा जनता के बीच चुनाव को लेकर उत्साह की है. जहां वोंटिग प्रतिशत में कई साल के रिकॉर्ड टूट गए. अब ये शिंदे सरकार का समर्थन है या फिर सरकार के खिलाफ नाराजगी.