CM केजरीवाल के घर के बाहर तोड़फोड़ करने वाले आरोपियों को कोर्ट का झटका, नहीं मिली जमानत
AajTak
Delhi Latest News: 30 मार्च को बीजेपी के युवा मोर्चा ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के घर के बाहर प्रदर्शन किया था और कश्मीरी पंडितों के खिलाफ अरविंद केजरीवाल के बयान को लेकर हंगामा किया था.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) के सरकारी आवास के बाहर तोड़फोड़ करने के मामले में कोर्ट ने गिरफ्तार आरोपियों को जमानत देने से इनकार कर दिया है.
मंगलवार को अरविंद केजरीवाल के आवास के बाहर हिंसक प्रदर्शन और तोड़फोड़ करने के मामले में गिरफ्तार किए गए 8 लोगों की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि यह शांतिपूर्वक विरोध करने के मौलिक अधिकार से कहीं ज्यादा है. इस टिप्पणी के साथ ही कोर्ट ने चंद्र कांत भारद्वाज, नवीन कुमार, नीरज दीक्षित, सनी, जितेंद्र सिंह बिष्ट, प्रदीप कुमार तिवारी, राजू कुमार सिंह और बबलू कुमार को राहत देने से इनकार कर दिया.
प्रदर्शनकारियों ने नहीं किया HC के निर्देशों का सम्मान
इंडियन एक्सप्रेस में छपी रिपोर्ट के मुताबिक सुनवाई के दौरान अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश नवीन कश्यप ने कहा कि प्रदर्शनकारियों ने दिल्ली हाईकोर्ट के निर्देशों का जरा भी सम्मान नहीं किया. कोर्ट ने कहा कि दिल्ली हाईकोर्ट ने अपने निर्देश में स्पष्ट किया था कि मुख्यमंत्री आवास के बाहर विरोध प्रदर्शन करने की अनुमति नहीं है.
न्यायाधीश ने कहा, 'इसमें कोई संदेह नहीं है कि किसी राजनीतिक दल से जुड़े लोगों को इकट्ठा होने और विरोध करने का मौलिक अधिकार है, लेकिन इस अधिकार का इस्तेमाल करने की कुछ सीमाएं होती हैं और अनियंत्रित तरीके से इसका उपयोग नहीं किया जा सकता है.'
क्या है पूरा मामला?
मणिपुर हिंसा को लेकर देश के पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम खुद अपनी पार्टी में ही घिर गए हैं. उन्होंने मणिपुर हिंसा को लेकर एक ट्वीट किया था. स्थानीय कांग्रेस इकाई के विरोध के चलते उन्हें ट्वीट भी डिलीट करना पड़ा. आइये देखते हैं कि कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व क्या मणिपुर की हालिया परिस्थितियों को समझ नहीं पा रहा है?
महाराष्ट्र में तमाम सियासत के बीच जनता ने अपना फैसला ईवीएम मशीन में कैद कर दिया है. कौन महाराष्ट्र का नया मुख्यमंत्री होगा इसका फैसला जल्द होगा. लेकिन गुरुवार की वोटिंग को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा जनता के बीच चुनाव को लेकर उत्साह की है. जहां वोंटिग प्रतिशत में कई साल के रिकॉर्ड टूट गए. अब ये शिंदे सरकार का समर्थन है या फिर सरकार के खिलाफ नाराजगी.