CBI डायरेक्टर से लोकपाल और मुख्य चुनाव आयुक्त तक... इन प्रमुख पदों पर नियुक्ति में अब होगा राहुल गांधी का रोल
AajTak
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष के रूप में राहुल गांधी केंद्रीय सतर्कता आयोग, केंद्रीय सूचना आयोग और एनएचआरसी प्रमुख के अलावा लोकपाल, सीबीआई प्रमुख, मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति वाले महत्वपूर्ण पैनल के सदस्य होंगे. प्रधानमंत्री भी ऐसे सभी पैनलों के प्रमुख होते हैं.
कांग्रेस ने यूपी की रायबरेली सीट से सांसद राहुल गांधी (54 साल) को लोकसभा में नेता विपक्ष बनाए जाने का ऐलान किया है. मंगलवार रात इंडिया ब्लॉक की बैठक में राहुल को लेकर फैसला लिया गया. उसके बाद कांग्रेस संसदीय बोर्ड की चेयरमैन सोनिया गांधी ने मंगलवार को प्रोटेम स्पीकर भर्तृहरि महताब को पत्र लिखा और इस फैसले की जानकारी दी है. बुधवार को राहुल ने सदन में जिम्मेदारी भी संभाल ली है. वे स्पीकर ओम बिरला की नियुक्ति के बाद औपचारिक प्रक्रिया का भी हिस्सा बने.
राहुल गांधी को अब कैबिनेट मंत्री का दर्जा मिल गया है. इससे प्रोटोकॉल सूची में उनका स्थान भी बढ़ जाएगा और वे विपक्षी गठबंधन के पीएम फेस के स्वाभाविक दावेदार भी हो सकते हैं. यह पहला संवैधानिक पद है, जो राहुल गांधी ने अपने ढाई दशक से ज्यादा लंबे राजनीतिक करियर में संभाला है. राहुल पांचवीं बार के सांसद हैं. मंगलवार को उन्होंने संविधान की प्रति हाथ में लेकर सांसद पद की शपथ ली.
राहुल गांधी पांचवीं बार सांसद चुने गए
इस बार आम चुनाव में राहुल ने केरल के वायनाड और उत्तर प्रदेश के रायबरेली से जीत हासिल की है, लेकिन उन्होंने वायनाड सीट से इस्तीफा दे दिया है. अब वायनाड में उपचुनाव होंगे और वहां राहुल की बहन प्रियंका गांधी वाड्रा चुनाव लड़ेंगी. राहुल गांधी ने 2004 में राजनीति में प्रवेश किया और पहली बार उत्तर प्रदेश के अमेठी से जीत हासिल की थी. वे तीन बार अमेठी से चुनाव जीते. 2019 में उन्होंने वायनाड से जीत हासिल की थी.
इन नियुक्ति में राहुल गांधी का दिखेगा दखल
भारतीय संविधान में लोकसभा और राज्यसभा में विपक्ष के नेताओं को वैधानिक मान्यता दी गई है. ऐसे में राहुल गांधी की संवैधानिक पदों की नियुक्ति में भी भूमिका रहेगी. नेता प्रतिपक्ष के रूप में राहुल गांधी लोकपाल, सीबीआई डायरेक्टर, मुख्य चुनाव आयुक्त, चुनाव आयुक्त, केंद्रीय सतर्कता आयुक्त, केंद्रीय सूचना आयुक्त, एनएचआरसी प्रमुख के चयन से संबंधित कमेटियों के सदस्य होंगे और इनकी नियुक्ति में नेता विपक्ष का रोल रहेगा. वे इन पैनल के बतौर सदस्य शामिल होंगे.
मणिपुर हिंसा को लेकर देश के पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम खुद अपनी पार्टी में ही घिर गए हैं. उन्होंने मणिपुर हिंसा को लेकर एक ट्वीट किया था. स्थानीय कांग्रेस इकाई के विरोध के चलते उन्हें ट्वीट भी डिलीट करना पड़ा. आइये देखते हैं कि कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व क्या मणिपुर की हालिया परिस्थितियों को समझ नहीं पा रहा है?
महाराष्ट्र में तमाम सियासत के बीच जनता ने अपना फैसला ईवीएम मशीन में कैद कर दिया है. कौन महाराष्ट्र का नया मुख्यमंत्री होगा इसका फैसला जल्द होगा. लेकिन गुरुवार की वोटिंग को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा जनता के बीच चुनाव को लेकर उत्साह की है. जहां वोंटिग प्रतिशत में कई साल के रिकॉर्ड टूट गए. अब ये शिंदे सरकार का समर्थन है या फिर सरकार के खिलाफ नाराजगी.