BJP Foundation Day: 12 राज्यों में बीजेपी के मुख्यमंत्री, जानें पहले सीएम बनने और बर्खास्त होने की कहानी
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देश की सत्ता पर काबिज भारतीय जनता पार्टी का गठन हुए आज 42 साल पूरे हो गए हैं. 6 अप्रैल 1980 को दिल्ली के फिरोजशाह कोटला मैदान में बीजेपी की नींव पड़ी थी. अटल बिहारी वाजपेयी से नरेंद्र मोदी युग तक बीजेपी ने अपने 42 साल के संघर्ष में तमाम तरह के उतार चढ़ाव से गुजरते हुए शून्य से शिखर तक का सफर तय किया है. बीजेपी अपने गठन के दस साल बाद ही राज्य की सत्ता में काबिज हो गई थी.
भारतीय जनता पार्टी का परचम आज देशभर में लहरा रहा है, लेकिन 1990 के दशक में बीजेपी एक छोटे दल के रूप में ही थी. बीजेपी गैर-कांग्रेसी विचारधारा वाली पार्टियों को सरकार बनाने में मदद किया करती थी, लेकिन वक्त के साथ मजबूती होती गई. बीजेपी अपने 42 साल के सियासी सफर में केंद्र से लेकर 18 राज्यों की सत्ता पर काबिज है. इन 18 राज्यों में से 12 में बीजेपी के अपने मुख्यमंत्री हैं तो 6 राज्य में सत्ता में भागीदार है. हालांकि, बीजेपी ने जिस राज्य में सबसे पहले अपना मुख्यमंत्री बनाने में सफल रही थी, आज उसी राज्य की सत्ता से वो बाहर है. ऐसे में कहानी उन राज्यों की जहां पर बीजेपी सबसे पहले कमल खिलाने में कामयाब रही थी.
भैरों सिंह शेखावत बीजेपी के पहले सीएम
छह अप्रैल 1980 को दिल्ली के फिरोजशाह कोटला मैदान में 10 सदस्यों के साथ शुरू हुई बीजेपी देश ही नहीं बल्कि दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी होने का दावा भी करती है. बीजेपी शुन्य से देश की सत्ता के शिखर तक सफर तय किया है. बीजेपी केंद्र की सत्ता पर काबिज होने में भले ही 18 साल लगा दिए हों, लेकिन राज्य में अपनी सरकार बनाना दस साल के बाद ही शुरू कर दी थी. बीजेपी गठन के दस साल के बाद बीजेपी देश में अपना मुख्यमंत्री बनाने में सफल रही. भैरोंसिंह शेखावत बीजेपी के सबसे पहले मुख्यमंत्री बनने वाले नेता हैं, जिन्हें जनता दल ने समर्थन किया था.
तीन राज्यों में एक साथ बीजेपी सत्ता में आई
मार्च 1990 में बीजेपी एक साथ देश के 3 राज्यों की सत्ता पर काबिज हुई थी, जिनमें राजस्थान, मध्य प्रदेश और हिमाचल प्रदेश शामिल थे. तीनों ही राज्यों में एक साथ 1990 में विधानसभा चुनाव हुए थे और बीजेपी तीनों राज्यों में सरकार बनाने में सफल रही थी. हालांकि, इनमें सबसे पहले भैरोंसिंह शेखावत ने 4 मार्च 1990 को राजस्थान के सीएम के तौर पर शपथ ली थी जबकि पांच मार्च को सुंदर लाल पटवा ने मध्य प्रदेश और उसी दिन शांता कुमार ने हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लिया था. इसके पहले बीजेपी किसी भी राज्य में अपना मुख्यमंत्री नहीं बना सकी थी. हालांकि, जनता पार्टी के तौर पर कई सीएम रहे हैं.
बता दें कि बीजेपी को सियासी संजीवनी हिमाचल के पालमपुर में बीजेपी के राष्ट्रीय अधिवेशन में1988 में अयोध्या मुद्दे को पार्टी के एजेंडे में शामिल करने के बाद मिली थी. बीजेपी को राजनीतिक जमीन यहीं से मिली 1989 में 2 सीट से 85 पर पहुंच गई. वीपी सिंह की अगुवाई वाली जनता दल को बीजेपी ने समर्थन देकर केंद्र में गैर-कांग्रेसी सरकार बनवाया, लेकिन राममंदिर मुद्दे को हवा देना नहीं छोड़ा.
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