Bajpur Assembly Seat: पिछले चुनाव में BJP ने छीनी थी सीट, क्या कांग्रेस की होगा वापसी?
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बाजपुर विधानसभा सीट: बाजपुर का नाम राजा बाज बहादुर के नाम पर पड़ा था. राजा बाज बहादुर यहां शिकार करने आया करते थे. बाजपुर में शहीद-ए-आजम भगत सिंह का परिवार भी रहता है.
राजा बाज बहादुर के नाम जानी जाने वाली उधम सिंह नगर जिले की बाजपुर विधानसभा सीट नैनीताल और काशीपुर के बीच स्थित है. राम मंदिर आंदोलन हो या फिर मोदी लहर, यहां हर सियासी घटना का असर देखने को मिलता है. बाजपुर, उत्तराखंड की उन चुनिंदा विधानसभा सीटों में है जो सूबे में राजनीति का गढ़ कही जाती है. बीजेपी के यशपाल आर्य लगातार दूसरी बार यहां से विधायक हैं. नैनीताल से 60 किलोमीटर की दूरी पर बसी यह विधानसभा एक समय सफाखाने के नाम से जानी जाती थी. यहां का सफाखाना (प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र) और अंग्रेजों द्वारा बनाया गया डाक बंगला आज भी पुराने शहर की याद दिलाते हैं.मणिपुर हिंसा को लेकर देश के पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम खुद अपनी पार्टी में ही घिर गए हैं. उन्होंने मणिपुर हिंसा को लेकर एक ट्वीट किया था. स्थानीय कांग्रेस इकाई के विरोध के चलते उन्हें ट्वीट भी डिलीट करना पड़ा. आइये देखते हैं कि कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व क्या मणिपुर की हालिया परिस्थितियों को समझ नहीं पा रहा है?
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