Aaj Ki Taza Khabar: पढ़ें 9 जून 2024 की शाम की टॉप खबरें और अन्य समाचार
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ओडिशा में लोकसभा और विधानसभा चुनावों में बीजू जनता दल (बीजेडी) की करारी हार के कुछ दिनों बाद ही पूर्व सीएम नवीन पटनायक के सहयोगी वीके पांडियन ने राजनीति से संन्यास ले लिया है. उन्होंने सक्रिय राजनीति छोड़ दी है.
ओडिशा में विधानसभा और लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद वीके पांडियन ने सक्रिय राजनीति से संन्यास ले लिया है. उन्होंंने एक वीडियो जारी कर अपने इस फैसले का ऐलान किया. राज्य के चुनाव में पार्टी की हार की जिम्मेदारी भी ली और बताया कि वह राजनीति में सिर्फ नवीन पटनायक को सहयोग करने के लिए आए थे. वीके पांडियन न तो 5 जून को नवीन पटनायक के साथ इस्तीफा देने के लिए राजभवन गए और न ही उनके आवास पर हुई पार्टी नेताओं की मीटिंग में शामिल हुए थे. उन्होंने वीडियो जारी कर कहा, "मेरा राजनीति जॉइन करने का मकसद सिर्फ और सिर्फ नवीन बाबू (पटनायक) को सहयोग करना था. अब मैंने सक्रिय राजनीति छोड़ने का फैसला किया है." पढ़िए रविवार शाम की 5 बड़ी खबरें...
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लोकसभा चुनाव लड़ रहे नेता को जीत के बाद जिले का अधिकारी सांसदी का एक सर्टिफिकेट जारी करता है. इसमें उसकी जीत को सत्यापित किया जाता है. इस सर्टिफिकेट की एक कॉपी डीएम अपने पास रखता है, तो एक चुनाव आयोग को भेजा जाता है.
2- क्या होते हैं CCS मंत्रालय? जिनका पोर्टफोलियो चाह रहे थे नीतीश-नायडू... लेकिन BJP ने किया इनकार
टीडीपी और जेडीयू इस चुनाव में किंगमेकर बनकर उभरे हैं, तो ये दोनों दल केंद्र में मंत्रालय भी बड़ा चाहते थे. लेकिन बीजेपी ने दृढ़ता से अपनी बात रखते हुए सहयोगी दलों से कहा कि वह गठबंधन धर्म निभाएगी, लेकिन सिर झुकाकर सरकार नहीं चलाएगी.
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मणिपुर हिंसा को लेकर देश के पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम खुद अपनी पार्टी में ही घिर गए हैं. उन्होंने मणिपुर हिंसा को लेकर एक ट्वीट किया था. स्थानीय कांग्रेस इकाई के विरोध के चलते उन्हें ट्वीट भी डिलीट करना पड़ा. आइये देखते हैं कि कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व क्या मणिपुर की हालिया परिस्थितियों को समझ नहीं पा रहा है?
महाराष्ट्र में तमाम सियासत के बीच जनता ने अपना फैसला ईवीएम मशीन में कैद कर दिया है. कौन महाराष्ट्र का नया मुख्यमंत्री होगा इसका फैसला जल्द होगा. लेकिन गुरुवार की वोटिंग को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा जनता के बीच चुनाव को लेकर उत्साह की है. जहां वोंटिग प्रतिशत में कई साल के रिकॉर्ड टूट गए. अब ये शिंदे सरकार का समर्थन है या फिर सरकार के खिलाफ नाराजगी.