Aaj Ka Panchang: आज 27 जनवरी 2025 का शुभ मुहूर्त, राहु काल, आज की तिथि और ग्रह
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Aaj Ka Panchang
पंचांग- 27 जनवरी 2025
विक्रम संवत - 2081, पिंगल शक सम्वत - 1946, क्रोधी पूर्णिमांत - माघ अमांत - पौष
तिथि कृष्ण पक्ष त्रयोदशी- जनवरी 26 08:55 PM- जनवरी 27 08:35 PM कृष्ण पक्ष चतुर्दशी- जनवरी 27 08:35 PM- जनवरी 28 07:36 PM
नक्षत्र मूल - जनवरी 26 08:26 AM- जनवरी 27 09:02 AM पूर्वाषाढ़ा - जनवरी 27 09:02 AM- जनवरी 28 08:58 AM
योग हर्षण - जनवरी 27 03:33 AM- जनवरी 28 01:57 AM वज्र - जनवरी 28 01:57 AM- जनवरी 28 11:51 PM
सूर्य और चंद्रमा का समय सूर्योदय - 7:12 AM सूर्यास्त - 6:06 PM चन्द्रोदय - जनवरी 27 5:19 AM चन्द्रास्त - जनवरी 27 3:57 PM
उत्तर प्रदेश के रहनेवाले प्रसिद्ध नेत्र रोग विशेषज्ञ ब्रिगेडियर डॉक्टर संजय कुमार मिश्रा को गणतंत्र दिवस-2025 की पूर्व संध्या पर भारत के राष्ट्रपति द्वारा प्रतिष्ठित 'परम विशिष्ट सेवा पदक (पीवीएसएम)' से सम्मानित किया गया है. वर्तमान में डॉक्टर नई दिल्ली में सशस्त्र बलों के प्रतिष्ठित रिसर्च एंड रेफरल हॉस्पिटल के नेत्र विभाग के प्रमुख के रूप में कार्यरत हैं.
सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें एक खड़े हुए जहाज पर आसमान से बिजली गिरती है. इस अद्भुत और खौफनाक नजारे ने लोगों को हैरान कर दिया है. वीडियो में साफ तौर पर देखा जा सकता है कि बिजली गिरते ही चारों तरफ चमक फैल जाती है. आइये जानते हैं बिजली गिरने के बाद विमान का क्या हाल होता है.
26 जनवरी को लंदन में भारतीय उच्चायोग के बाहर अजीब नजारा देखने को मिला. दरअसल, खालिस्तान समर्थकों को भारतीय प्रवासियों के कड़े विरोध का सामना करना पड़ा. भारतीय प्रवासी, जो गणतंत्र दिवस मनाने के लिए दूतावास के बाहर इकट्ठा हुए थे, उन्हें खालिस्तान समर्थकों को भारत और उसकी अखंडता के खिलाफ प्रदर्शन का सामना करना पड़ा.
Apple पर एक मुकदमा दर्ज कराया और गंभीर आरोप लगाए हैं. आरोप है कि Apple के Ocean, Nike Sport बैंड में हाई लेवल के परफ्लुओरोएल्काइल और पॉलीफ्लुओरोएल्काइल पदार्थ (PFAS) होते हैं. इन केमिकल को फॉरएवर केमिकल्स के रूप में जाना जाता है और इसकी वजह से कई हेल्थ संबंधित समस्याओं का सामना करना पड़ता है, जिसमें कैंसर तक शामिल है.
सुभाषचंद्र बोस की जर्मन तानाशाह हिटलर से मुलाकात का मात्र एक मकसद भारत की आजादी की लड़ाई को धार और रफ्तार देना था. सुभाष बाबू दूर-दूर तक नाजी विचारधारा से इत्तेफाक नहीं रखते थे. लेकिन बोस को इस मुलाकात के लिए घेरने वाले श्वेत वर्चस्व (white supremacist) कभी चर्चिल की कारगुजारियों पर खुद से सवाल नहीं पूछते हैं.