9 थीम सिटी, 27 टाउनशिप, 1 लाख करोड़ का बजट... कैपिटल सिटी के लिए नायडू ने अमरावती को ही क्यों चुना?
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आंध्र प्रदेश में फिर एक बार चंद्रबाबू नायडू की सरकार आने के बाद अमरावती को नई राजधानी बनाने की चर्चा तेज हो गई है. नायडू भी साफ कर चुके हैं कि आंध्र की राजधानी सिर्फ अमरावती ही होगी. ऐसे में जानते हैं कि अमरावती को राजधानी के तौर पर किस तरह से तैयार किया जा रहा है और इसमें कितना खर्चा आएगा?
तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) के प्रमुख एन. चंद्रबाबू नायडू ने ऐलान किया है कि आंध्र प्रदेश की राजधानी अमरावती होगी. उन्होंने ये ऐलान मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने से एक दिन पहले किया था. नायडू ने ये भी कहा कि आंध्र प्रदेश की एकमात्र राजधानी अमरावती ही होगी. इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने 'थ्री कैपिटल' फॉर्मूला दिया था.
चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि हमारी सिर्फ एक राजधानी अमरावती होगी. विशाखापट्टनम को आर्थिक राजधानी के तौर पर विकसित किया जाएगा.
नायडू ने बुधवार को आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. आंध्र प्रदेश की 175 विधानसभा सीटों में से एनडीए ने 164 सीटें जीती हैं. जगन मोहन रेड्डी की वाईएसआर कांग्रेस 11 सीटों पर सिमट गई है.
टीडीपी के एक बार फिर सत्ता में आने के बाद अमरावती को नई राजधानी बनाने की कवायद तेज हो गई है. नायडू ने अपनी पिछली सरकार में अमरावती को राजधानी बनाने का प्रस्ताव रखा था. इस पर काम भी चल रहा था, लेकिन 2019 के विधानसभा चुनाव में टीडीपी की हार के बाद ये प्लान ठंडे बस्ते में चला गया था. 2019 में जब जगन मोहन रेड्डी मुख्यमंत्री बने तो उन्होंने तीन राजधानी बनाने का प्रस्ताव रखा था. रेड्डी ने आंध्र की तीन राजधानी- विशाखापट्टनम, अमरावती और कुर्नूल को बनाने का प्रस्ताव रखा था. इसे लेकर बिल भी लाया गया था. लेकिन हाईकोर्ट ने इस पर रोक लगा दी थी. फिलहाल ये मामला सुप्रीम कोर्ट में है.
अमरावती ही क्यों?
2014 में आंध्र प्रदेश का बंटवारा हुआ और तेलंगाना नया राज्य बना. 10 साल तक हैदराबाद को ही तेलंगाना और आंध्र की राजधानी बनाया गया. 2 जून 2024 को 10 साल पूरे होने के बाद अब हैदराबाद सिर्फ तेलंगाना की ही राजधानी बन गई है.
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