5 स्टार होटल जैसा कमरा, क्रूज में ही स्नान के लिए पर्सनल 'कुंड'! आपने देखा कुंभ का जल महल?
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महाकुंभ 2025 इस बार केवल आस्था का संगम नहीं, बल्कि तकनीक और आधुनिकता का भी अद्भुत मेल साबित हो रहा है. संगम पर हर आम से लेकर खास के लिए ऐसी व्यवस्थाएं की गई हैं, जो किसी राजसी मेले से कम नहीं लगतीं. खासतौर पर, VVIP मेहमानों के लिए यह कुंभ अनुभव और भी यादगार होने वाला है.
महाकुंभ 2025 इस बार केवल आस्था का संगम नहीं, बल्कि तकनीक और आधुनिकता का भी अद्भुत मेल साबित हो रहा है. संगम पर हर आम से लेकर खास के लिए ऐसी व्यवस्थाएं की गई हैं, जो किसी राजसी मेले से कम नहीं लगतीं. खासतौर पर, VVIP मेहमानों के लिए यह कुंभ अनुभव और भी यादगार होने वाला है.
तैरते कॉटेज: पानी पर महल जैसा अनुभव
संगम के VVIP घाट पर इस बार आधुनिक फ्लोटिंग कॉटेज ने नया आकर्षण जोड़ा है. ये तैरते हुए आलीशान कॉटेज हर सुविधा से लैस हैं और मेहमानों को गंगा-जमुना के संगम पर रहने का अद्भुत अनुभव देते हैं. इन फ्लोटिंग कॉटेज को देखकर ऐसा महसूस होता है जैसे संगम पर एक भव्य जल महल साकार हो गया हो.
यहां मेहमान प्राइवेट रूम में ठहर सकते हैं. एक आरामदायक ड्राइंग रूम का भी इंतजाम है. साथ ही, स्नान के लिए प्राइवेट स्नान कुंड भी उपलब्ध है. विशिष्ट मेहमान यहां संगम के पवित्र जल में डुबकी लगाने के साथ-साथ इसका प्राकृतिक और भव्य नजारा भी पूरे आराम के साथ देख सकते हैं.
देखें ये रिपोर्ट
आधुनिक बोट: रोमांच का अनुभव इस बार कुंभ में स्पीड बोट और अत्याधुनिक मोटर बोट का खास इंतजाम किया गया है. हर बोट में 6 लोग सवार हो सकते हैं. बोट्स में उच्च स्तर की सुरक्षा सुविधाएं जोड़ी गई हैं. लगभग दो दर्जन बोट्स संगम और कुंभ की सुरक्षा के लिए लगाई जाएंगी. यह बोट्स न केवल सुरक्षा के लिए हैं, बल्कि सैलानियों को संगम की खूबसूरती और साइबेरियन पक्षियों के बीच रोमांचक यात्रा का भी अनुभव कराएंगी.
प्रयागराज में माघ पूर्णिमा के अवसर पर करीब 2 करोड़ श्रद्धालुओं ने संगम में आस्था की डुबकी लगाई. इस दौरान शासन-प्रशासन हर मोर्चे पर चौकस रहा. योगी आदित्यनाथ ने सुबह 4 बजे से ही व्यवस्थाओं पर नजर रखी थी. श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के कारण ट्रेनों और बसों में यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा. देखें.
हिंदू पंचांग के अनुसार माघ मास में शुक्ल पक्ष का 15वीं तिथि ही माघ पूर्णिमा कहलाती है. इस दिन का धार्मिक, आध्यात्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से खास महत्व है और भारत के अलग-अलग हिस्सों में इसे श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाता है. लोग घरों में भी कथा-हवन-पूजन का आयोजन करते हैं और अगर व्यवस्था हो सकती है तो गंगा तट पर कथा-पूजन का अलग ही महत्व है.