5 साल, 15 राज्य और 41 भर्ती परीक्षाओं में धांधली... NTA की साख पर उठ रहे गंभीर सवाल
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सरकार NEET परीक्षा के 47 दिन बाद NTA में सुधार के लिए कमेटी बनाने का फैसला कर चुकी है, जो NTA में सुधार सुझाएगी. जबकि छात्र समस्या की जड़ में जाना चाहते हैं. स्टूडेंट्स आक्रोश में हैं. उनका कहना है कि ऐसी कौन सी बात है कि जो बार-बार पेपर लीक हो जा रहे हैं. बता दें कि NTA को साल 2018 में बनाया गया, लेकिन उसकी स्थापना के बाद से तकरीबन हर साल परीक्षा में गड़बड़ी और धांधली के आरोप लगे हैं.
NTA यानी नेशनल टेस्टिंग एजेंसी का गठन इसलिए किया गया था, ताकि प्रवेश परीक्षाओं को दोषमुक्त किया जा सके, लेकिन NTA का मॉडल बार-बार फेल हो रहा है. 21 जून (शुक्रवार) की रात CSIR-UGC-NET की परीक्षा को स्थगित कर दिया गया. ये परीक्षा 25 से 27 जून के बीच होनी थी. परीक्षा आगे बढ़ाने की वजह संसाधनों की कमी बताई गई है, लेकिन इसने NTA को लेकर छात्रों की आशंका को बढ़ाने का ही काम किया है. ऐसे में सवाल ये है कि जिस एजेंसी का गठन परीक्षा में भरोसा बढ़ाने के लिए किया गया, उसकी विश्वसनीयता खत्म होने के लिए कौन जिम्मेदार है?
उत्तर प्रदेश, हरियाणा, उत्तराखंड, राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात, बिहार, झारखंड, ओडिशा, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तेलंगाना, असम, अरुणाचल प्रदेश और जम्मू कश्मीर... ये देश के वो 15 राज्य हैं जहां पिछले 5 साल में 41 भर्ती परीक्षाओं के पेपर लीक हुए. यानी परीक्षा में पेपरलीक की महामारी देशभर में फैली हुई है. सभी बड़े राज्यों के करोड़ों छात्र इससे पीड़ित हैं. NEET की परीक्षा में गड़बड़ी के बाद हो रहे इस विरोध ने तो बस इस आक्रोश को आवाज दी है.
इन दिनों विद्यार्थी बहुत आक्रोश में हैं. उनका कहना है कि ऐसी कौन सी बात है कि जो बार-बार पेपर लीक हो जा रहे हैं. हम कैसी दुनिया में जी रहे हैं कि हम सालभर मेहनत करते हैं फिर आप पेपर लीक करवा देते हो. पूरी व्यवस्था खराब हो जाती है. छात्र कह रहे हैं कि NTA ने ही NEET का पेपर करवाया. ये हॉट मुद्दा बना हुआ है. उसके बाद भी ऐसी लापरवाही देखने को मिलती है. महीनेभर बाद भी वही व्यवस्था देखने को मिलती है. तो आप समझ सकते हैं कि कितनी लापरवाह है NTA.स्टूडेंट्स कह रहे हैं कि बार-बार वही गलतियां हो रही हैं. ऐसे में सवाल ये है कि इसमें सुधार क्यों नहीं हो रहा है. छात्र पूछते हैं कि जो NTA परीक्षा करवाने में असफल साबित हो रही है, उसे कौन ठीक करेगा?
पेपर लीक से देशभर के छात्र परेशान हैं. वो चाहे कोई भी राज्य हो, पेपर लीक और परीक्षा में धांधली का सिलसिला थमने का नाम ही नहीं ले रहा. करोड़ों छात्रों के साथ नाइंसाफी हो रही है. हालांकि सरकार NEET परीक्षा के 47 दिन बाद NTA में सुधार के लिए कमेटी बनाने का फैसला कर चुकी है, जो NTA में सुधार सुझाएगी. जबकि छात्र समस्या की जड़ में जाना चाहते हैं
कैसे अस्तित्व में आया NTA?
साल 2017 में मानव संसाधन विकास मंत्रालय की तरफ से उच्च शिक्षा में प्रवेश के लिए एकल, स्वायत्त और स्वतंत्र एजेंसी का गठन करने की घोषणा की गई. प्रवेश परीक्षाओं को दोषमुक्त रखने के उद्देश्य से सरकार की तरफ से इसकी स्थापना की बात कही गई. और 1 मार्च 2018 को NTA यानी नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA)अस्तित्व में आ गया.
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